नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह का आधिकारिक मान्यता कार्ड (एक्रीडेशन) बनवाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने राष्ट्रमंडल खेलों से हटने की धमकी दे डाली थी. राष्ट्रमंडल खेल 2010 की स्वर्ण पदक विजेता साइना ने गोल्ड कोस्ट में मौजूद आईओए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि अगर उनके पिता को ‘एक अधिकारी’ के रूप में मंजूरी नहीं दी गई तो वह इन खेलों में हिस्सा नहीं लेंगी. साइना की इस तरह नहीं खेलने के धमकी पर बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
साइना ने आईओए को संबोधित पत्र में लिखा, ‘‘मैंने आपको संदेश भेजा और आपसे बात करने की भी कोशिश की लेकिन आपने मेरा फोन नहीं उठाया लेकिन मेरे पिता को लेकर बड़ा मुद्दा बना दिया गया है. अगर उनका एक अधिकारी के रूप में एक्रीडेशन नहीं बनता है तो मैच नहीं खेलूंगी.’’ आईओए के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि साइना ने पत्र लिखा है.
साइना ने टि्वटर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा था- ‘‘आश्चर्य की बात यह है कि जब हमने राष्ट्रमंडल खेल 2018 के लिए भारत से यात्रा शुरू की तो मेरे पिता का नाम टीम के अधिकारी के रूप में शामिल था और मैंने इसके लिए पूरी राशि का भुगतान किया लेकिन जब हम खेल गांव में आए तो उनका नाम अधिकारियों की सूची में नहीं था.’’
साइना की इस नाराजगी पर ज्वाला गुट्टा ने भड़कते हुए टि्वटर पर लिखा- मेरे परिवार टिकट लेकर मैच देखता है और होटल में रहता है. मुझे इस बात का कोई आइडिया नहीं कि क्या डिमांड थी या क्या वादा किया गया था? लेकिन जब आपको इतने वक्त पहले ही तारीख पता थीं तो अच्छा होता कि आप एडवांस में टिकट बुक कर लें? ना खेलने की धमकी देना… क्या ये सही है??
Hmmm..my family always paid for tickets n stayed in hotels…I have no idea what’s being promised n what’s the demand?? But for the games when u know dates long before the team leaves..isn’t it better to book n plan in advance? Threatening not play..is it correct??
— Gutta Jwala (@Guttajwala) April 3, 2018
ज्वाला गुट्टा ने ट्वीट करते हुए आगे लिखा- “मुझे इस सब पर हंसी आती है. रुपए, अवॉर्ड और प्लॉट वगैरह की मांग सोशल मीडिया पर विवादों में नहीं गिनी जाती है, जबकि खेलने की बात करो तो यह विवाद बन जाती है.” #hypocrisytoanotherlevel
Funny…how such things like demanding for money awards plots etc etc on social media doesn’t count for controversies…and when asked for right to play is controversial #hypocrisytoanotherlevel
— Gutta Jwala (@Guttajwala) April 3, 2018
बता दें कि साइना की नाराजगी के बाद आईओए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों की मदद करना हमारा कर्तव्य है. उन्हें पदक जीतने पर ध्यान देना चाहिए. हां, साइना ने वरिष्ठ अधिकारी को पत्र लिखा था, लेकिन हम इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहते हैं. हमने अभी समस्या का निवारण कर दिया है. हम पत्र की भाषा पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.’’
वहीं, इस मामले में भारतीय दल के प्रमुख विक्रम सिसौदिया ने कहा, ‘‘मुझे उनका कोई पत्र नहीं मिला है. उन्होंने केवल मुझे समस्या से अवगत कराया और कहा कि इसे सुलझाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है.’’
खेल मंत्रालय ने साफ किया था कि साइना और रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पी वी सिंधु के माता-पिता सरकारी खर्चे पर गोल्ड कोस्ट नहीं जाएंगे. उन्हें भारतीय दल का हिस्सा बनने की मंजूरी दे दी गई थी.
बता दें कि साइना के पिता हरवीर सिंह और पी वी सिंधु की मां विजया उन 15 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें भारतीय दल के रूप में मंजूरी दी गई है लेकिन उनकी यात्रा, ठहरने और अन्य खर्चों का वहन सरकार नहीं कर रही है.