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लालू, नीतीश को ठेंगा दिखाकर बड़ी चाल चल रहे हैं मुलायम

mulayam-1लखनऊ। भानुमति का कुनबा यानि महागठबंधन एक बार फिर बनने से पहले टूटता दिख रहा है। सियासत के मंझे हुए खिलाड़ी मुलायम ने एक और नया दांव चल दिया है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने साफ कर दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगे। मुलायम ने अपने इस बयान से गले मिलने को बे-करार पार्टियों की नींद उड़ा दी हैं।
कांग्रेस 100 तो आरएलडी 50 सीटों पर अड़ी
खबर है कि महागठबंधन में शामिल होने के लिए कांग्रेस और आरएलडी ने सपा के सामने अपनी शर्त रख दी है। 403 सीटों में से कांग्रेस 100 और आरएलडी 50 सीटों की डिमांड कर रही है। लेकिन सपा कांग्रेस को महज 50 और आरएलडी को 25 सीटें देने के मूड में है।
पार्टी सूत्रों की माने तो पिछले दिनों मुलायम ने कांग्रेस और आरएलडी के कई नेताओं से मुलाकात की। दोनों पार्टियों के नेता सपा के साथ गठबंधन के लिए आतुर दिखे। लेकिन मामला सीटों के बंटवारे पर अटक जा रहा था। अब मुलायम ने गठबंधन न करने का ऐलान करके इन दोनों पार्टियों पर एक तरह से प्रेशर बनाने का काम किया है। ताकि दोनों पार्टियां सीटों का मोलभाव न करें।
महागठबंधन को लेकर लालू और नीतीश की पार्टियां भी इंट्रेस्ट दिखा रही हैं। लेकिन सपा इन दोनों पार्टियों के बीच कोई समझौता नहीं करना चाहती। अंदरखाने की खबर है कि यूपी में जनाधार न होने के कारण मुलायम इन दोनों पार्टियों के नेताओं से यूपी चुनाव में गठबंधन न करके आने वाले लोकसभा चुनाव में तरजीह देने पर विचार कर रहे हैं।
 सपा के लिए महागठबंधन है मजबूरी
कुछ लोगों की मानें तो सपा के लिए यूपी चुनाव से पहले महागठबंधन मजबूरी है। क्योंकि कानून व्यवस्था और पारिवारिक विवाद ने पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। वहीं, बसपा ने 100 से अधिक मुस्लिमों को टिकट देकर सपा के वोटबैंक में सेंधमारी करने का प्लान बना लिया है। ऐसे में महागठबंधन ही सपा के पास विकल्प है, जिससे सत्ता में दोबारा वापसी की जा सकती है।