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मायावती के बाद अब अरविन्द केजरीवाल भी लौटा रहे है उम्मीदवारों का पैसा

arvind-kejriwal-sad1नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले के बाद पंजाब चुनाव के लिए उम्मीदवारों से लिया गया करोड़ों का कैश आम आदमी पार्टी लौटाने को तैयार हो गई है।

आम आदमी पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक मायावती के बाद अब अरविंद केजरीवाल पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वो चुनाव के लिए उम्मीदवारों से लिए करोड़ों रुपये कैश वापस लौटाएं। हालांकि मुश्किल यह है कि ये पैसे इन उम्मीदवारों के भी नहीं हैं।

पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अब तक जिन उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, उनमें से ज्यादातर विदेशों में बसे खालिस्तान समर्थकों की तरफ से प्रायोजित किए हुए हैं। कनाडा और यूरोप में बैठे खालिस्तान समर्थकों ने इन उम्मीदवारों के बदले 3 से 5 करोड़ रुपये तक दिए थे। स्पॉन्सरशिप की रकम हवाला के जरिए आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट्स तक पहुंचाई गई थी। ऐसे में सवाल ये है कि अब इस पैसे का क्या होगा?
आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक पंजाब में आम आदमी पार्टी से जुड़े अलग-अलग ठिकानों पर अलग-अलग दिन और तारीखों को उम्मीदवारों को बुलाया जा रहा है। पार्टी की कोशिश है कि कहीं भी कैश लौटाने का काम मीडिया की नजरों में न आने पाए, लिहाजा इसे टॉप सीक्रेट रखा जा रहा है। साथ ही कैश लौटाने के काम की निगरानी दिल्ली से गए अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद नेता ही करेंगे। सूत्रों के मुताबिक अभी पार्टी ऐसे किसी उम्मीदवार का टिकट कैंसिल नहीं करेगी।

आम आदमी पार्टी के विदेशों में बैठे फंड मैनेजर्स को नए हालात के बारे में खालिस्तान समर्थकों से बात की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी को उम्मीद है कि नई करंसी मार्केट में आने के बाद खालिस्तानी स्पॉन्सर दोबारा रकम देने को तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा कुछ नए स्पॉन्सरों से भी बात की जा रही है। यह भी संभव है कि अरविंद केजरीवाल अगले 8-10 दिन में चंदे के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी कर सकते हैं ताकि पाकिस्तान, गल्फ जैसे देशों के आप समर्थक संगठन भी थोड़ा-थोड़ा करके रकम भेजना शुरू कर दें और पार्टी इस मुश्किल दौर से बाहर निकल सके।

मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ लिए गए इस फैसले के बाद सबसे ज्यादा परेशान सियासी नेता है। स्वयं की बढ़ी दिक्कतों का बाद सरकार पर हमला बोल रहे है। वे जनता की आड़ में इसे अनुचित ठहरा रहे है।