
दरअसल, दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बृहस्पतिवार को हाई प्रोफाइल मामले में सुनवाई की। अतिरिक्त सत्र न्यायधीश चन्द्र शेखर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस मकोका का आरोप साबित करने में नाकाम रही है। अदालत के इस फैसले को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
न्यायालय ने विधायक मोख़्तार अंसारी, प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना बजरंगी, मेराज और इफ्तिखार को मकोका के मामले में बरी कर दिया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 7 नवंबर 2009 को इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। 7 नवंबर को ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुन्ना बजरंगी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पहले से ही कृष्णानंद राय हत्याकांड में गिरफ्तार मुख्तार अंसारी को स्पेशल सेल ने मकोका मामले में 15 मई 2010 को आरोपी बनाया था। मई 2012 में मकोका के इस मामले में आरोप तय हुए, पुलिस ने आरोप लगाते हुए कहा था की सभी आरोपी हत्या और उगाही करने के लिए संगठित अपराधियों का रैकेट चला रहे थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संगठित अपराध को साबित करने के लिए मुख़्तार अंसारी पर 35 मामले, मुन्ना बजरंगी पर 42, मेराज पर 13 और इफ़्तेख़ार पर 1 मामला बताया था।