लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस्लामिक स्टेट के संदिग्धों की फंडिंग में खुफिया कोड ‘चेन्नै एक्सप्रेस’ का नाम सामने आया है। कुशीनगर से गिरफ्तार इस्लामिक स्टेट के संदिग्ध एजेंट रिजवान से मुंबई में हुई पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। मुंबई ATS समेत बाकी खुफिया व सुरक्षा एजेंसियां ‘चेन्नै एक्सप्रेस’ नामक इस कोड के पीछे छिपे चेहरे की तलाश में जुट गई हैं।
देश में इस्लामिक स्टेट के नेटवर्क को मजबूत करने और उसके लिए संसाधन जुटाने के लिए रिजवान को ऑनलाइन एक लाख पांच हजार रुपये ट्रांसफर किए गए थे। जिस लिंक के जरिए यह रकम ट्रांसफर की गई थी उसका कोड ‘चेन्नै एक्सप्रेस’ था। रिजवान से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि उसने तमिलनाडु के पते पर एक आईडी कार्ड बनवा रखा था।
इस बात का खुलासा होने के बाद एजेंसियां उसके तमिलनाडु से जुड़े कनेक्शन की पड़ताल में जुट गई हैं। रिजवान ने बताया कि वह फेसबुक के जरिए इलाहाबाद से बीएससी कर रहे शहबाज और राजस्थान में पढ़ रहे अयान के संपर्क में भी था। वह उन दोनों को भी इस्लामिक स्टेट से जोड़ रहा था।
रिजवान ने बताया कि कुशीनगर के सद्दाम ने उसे आतंक की राह दिखाई। सद्दाम कुशीनगर में टीवी रिपेयरिंग का काम करता है। रिजवान ने उसके मोबाइल पर किसी मौलवी से जुड़ी तकरीरें देखी थीं। जिनके बारे में सद्दाम से उसने पूछा। सद्दाम ने उसे इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए उकसाया।
उधर बिजनौर के फरार सिमी आतंकियों की उड़ीसा के राउरकेला में हुई गिरफ्तारी में उनके मां के मोबाइल फोन ने अहम भूमिका निभाई। जब आतंकी महबूब बिजनौर धमाके में घायल होने के चलते परेशान था तो बाकी साथियों ने देखरेख के लिए महबूब की मां को बुलाया। उसकी मां ने मोबाइल का इस्तेमाल शुरू किया और एजेंसियां उसके जरिए चारों तक पहुंच गईं।