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नोएडा भूमि आवंटन: राजीव और नीरा जा सकते हैं जेल

niraलखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व पूर्व प्रमुख सचिव, नियुक्ति राजीव कुमार और पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को भ्रष्टाचार के जुर्म में मिली सजा बहाल रखते हुए उनकी अपील खारिज कर दी। इसके साथ ही नीरा यादव की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है।
राजीव कुमार और नीरा यादव ने सजा के खिलाफ लगभग तीन साल पहले हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया था। अब अपील खारिज होने से उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। राजीव कुमार को कुछ दिन पहले ही प्रमुख सचिव नियुक्ति से हटाकर उत्तर प्रदेश प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक पद की जिम्मेदारी दी गई थी। बुधवार को कोर्ट का आदेश आने के बाद राजीव को वेटिंग में डाल दिया गया।

पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव और पूर्व प्रमुख सचिव नियुक्ति राजीव कुमार नोएडा में बतौर सचिव और उप सीईओ तैनात थे। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, नीरा यादव ने नोएडा की सीईओ रहते पुत्री संस्कृति के नाम सेक्टर-44 में बी-73 प्लॉट आवंटित करवाया और फिर उसे सेक्टर 44 के ए-33 में परिवर्तित करवा दिया। उनकी दूसरी बेटी सुरुचि को सेक्टर 15 में दुकान संख्या 74 आवंटित हुई। उसे सेक्टर 51 में प्लॉट बी-88, फिर सेक्टर 44 के ए-32 में परिवर्तित करवा लिया गया। इन दोनों को व्यवसायी बताया गया।

राजीव कुमार पर आरोप था कि उन्हें सेक्टर 51 में बी-86 आवंटित किया गया, जिसे उन्होंने सेक्टर 44 के ए-36 में और फिर इसे सेक्टर 14-ए में 300 वर्गमीटर के भूखंड में परिवर्तित करवा दिया गया। प्लॉट के पास की 105 मीटर की ग्रीन बेल्ट को भी प्लॉट में बदल दिया गया।

हाई कोर्ट के वकील राकेश पांडेय के मुताबिक, दोनों अधिकारियों के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील का रास्ता अभी खुला है। आदेश पुलिस तक पहुंचने से पहले वैसे भी गिरफ्तारी संभव नहीं है। हालांकि सही स्थिति कोर्ट के आदेश की प्रति सामने आने के बाद ही स्पष्ट होगी।