
उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015 और उत्तर प्रदेश नगरपालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2015 को लेकर आजम खान सहित कतिपय सदस्यों द्वारा भी अपने-अपने अभिमत व्यक्त किए गए हैं, उनका वे श्रवण/अवलोकन करना चाहते हैं।
आजम की टिप्प्णी
आजम ने मंगलवार को विधानसभा में यूपी नगर निगम संशोधित विधेयक 2015 को राजभवन में रोके जाने का मुद्दा उठाया था। आरोप लगाया था कि एक पार्टी की वजह से इस विधेयक को राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पा रही है। पिछले एक साल से विधेयक राजभवन की मंजूरी के लिए फ्ंसा पड़ा है। बीजेपी के बेईमान मेयरों को बचाने के लिए विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं। इस विधेयक में प्रदेश के मेयरों को भ्रष्टाचार और अन्य गलतियों पर दंडित करने का प्राविधान है।आजम ने कहा था कि यह तय होना चाहिए कि राजभवन किसी विधेयक को कितने दिन तक रोके रख सकता है।
आजम की टिप्पणी और बीजेपी नेता सुरेश खन्ना के विरोध पर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा था कि यह विधेयक को रोकना राज्यपाल का अधिकार है।