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अमेरिका के मध्यस्थता के प्रस्ताव को भारत ने किया खारिज , कहा- पाकिस्तान से बातचीत की शर्तों में कोई बदलाव नहीं

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के प्रयासों में ‘जगह बनाने की कोशिश’ करने का इरादा जताने वाले अमेरिका के सामने भारत सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किए जाने की किसी भी संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है। यूनाइटेड नेशंस में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हैली के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। भारत चाहता है कि पाकिस्तान के साथ विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में हो।

यूनाइटेड नेशंस में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हैली ने कहा था कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और इसलिए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया में शामिल होकर इसे सुलझाना चाहते हैं। इसे अमेरिका में रुख में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा था क्योंकि अब तक वह इस विवाद में दखल न देने की बात कहता रहा है।

आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,’पाकिस्तान की धरती से फैल रहा आतंकवाद हमारे क्षेत्र और उसके आगे भी शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। भारत ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संगठन अपने सिस्टम और जनादेश लागू करें, लेकिन यह काम पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के संबंध में हो। यह हमारे क्षेत्र और उसके भी बाहर शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।’

भारत इससे पहले भी कहता रहा है कि दोनों देशों के विवादों के समाधान में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती है। अमेरिका समेत पूरी दुनिया में भारत के इस रुख को स्वीकार किया जाता रहा है।