लखनऊ। देश में पहली बार ऐसी ट्रेन चलने जा रही है जिसमें सफर के दौरान विमान में यात्रा करने जैसा अहसास होगा। फिर चाहे फर्स्ट एसी के पैसेंजर की बात हो या साधारण दर्जे की। सभी वर्ग के पैसेंजर्स को थोड़ा अधिक किराया खर्च करके आरामदायक सफर की सुविधा मिलने लगेगी। विदेशों से अत्याधुनिक कोचों की डिजाइन लेने के बजाए मेक इन इंडिया कंसेप्ट के तहत देश में ही विमान की केबिन जैसे कोच तैयार किए गए हैं। इन कोंचों से चलाई जाने वाली ट्रेन को पीएम नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को खुद हरी झंडी दिखाएंगे।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से नई दिल्ली के बीच सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। भोपाल की इंडियन रेलवे कोच रिहैबिलिटेशन वर्कशॉप को 111 कोचों को मेक इन इंडिया कंसेप्ट के तहत अत्याधुनिक डिजाइन और सुविधाजनक बनाने की जिम्मेदारी सौंगी गई है। जिसके बाद वर्कशॉप प्रबंधन ने अत्याधुनिक डिजाइन तैयार कर पुराने डिब्बों को ही राजधानी से भी अधिक सुविधाजनक, अग्निरोधी व आरामदायक बना दिया है।
डिब्बों की भीतरी सजावट, चमचमाते साइन बोर्ड, फर्स्ट एसी की सुविधाजनक सीढ़ियां और एलसीडी स्क्रीन अपने आप में आकर्षण का केन्द्र बन गए हैं। पुराने कोचों की साज सज्जा, इंटीरियर बदलने के साथ ही उन्हें आरामदायक बनाने पर खर्च बहुत कम है। प्रत्येक एसी कोच पर जहां औसतन 42 लाख का खर्च आया है वहीं स्लीपर और जनरल कोचों पर महज 27 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। 18 डिब्बों वाली पहली ट्रेन जहां इसी हफ्ते पटरियों पर दौड़ने लगेगी वहीं तीन अन्य ट्रेनों के डिब्बों को रीवैम्प करने की तैयारी चल रही है।
चमचमाते डिब्बों में नहीं लगेंगे झटके वेस्ट सेंट्रल रेलवे के जीएम रमेश चंद्र की मानें तो इन नए डिब्बों की बर्थ बैंगनी रंग में दिखेंगी। पुराने कोचों की तुलना में जगह भी कुछ अधिक मिलेगी। पैसेंजर्स को मेट्रो की तरह रास्ते में पड़ने वाले अगले ठहराव की जानकारी मिलती रहेगी। सफर के दौरान इन डिब्बों में झटके भी नहीं लगेंगे। उन्होंने बताया कि इन डिब्बों में कारपेट जैसे फर्श, एलईडी लाइट्स, फायर प्रूफ शायिकाएं, फर्स्ट एसी के प्रत्येक पैसेंजर के लिए मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, स्लीपर और जनरल की हर केबिन में साइड और अंदर की ओर दो-दो मोबाइल चार्जिग पॉइंट हैं। इनके अलावा ट्रेन के सभी कोचों में ईको फ्रेंडली बायो टॉइलट की सुविधा भी है।
15 से 20 फीसदी तक अधिक हो सकता है किराया इस ट्रेन के अत्याधुनिक डिब्बों में सफर करने वाले पैसेंजर्स को 15-20 प्रतिशत अधिक किराया भले ही देना पड़े लेकिन इन कोचों में मिलने वाले सुकून भरे सफर में वह अधिक किराए का दर्द आसानी से भूल जाएंगे। हालांकि राजधानी एक्सप्रेस से अधिक किराया कतई नहीं होगा। नॉर्दर्न रेलवे के अधिकारियों ने फर्स्ट एसी, सेकंड एसी, स्लीपर, जनरल क्लास और पैंट्रीकार सुविधा वाली इस ट्रेन के किराए का प्रपोजल रेलवे बोर्ड के पास भेज दिया है। उम्मीद है कि बुधवार शाम तक किराए पर भी मुहर लग जाएगी।
चारबाग से दिल्ली के लिए रात 23.58 पर छूटेगी ट्रेन वाराणसी से प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को शाम 18.35 बजे रवाना होने वाली यह ट्रेन चारबाग स्टेशन रात 23.50 बजे आकर 23.58 बजे छूटेगी। यह ट्रेन 08.35 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। वहीं नई दिल्ली से प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को शाम 18.35 बजे रवाना होने वाली यह ट्रेन तड़के 03.30 बजे आकर 03.40 बजे वाराणसी के लिए छूटेगी। यह ट्रेन सुबह 08.35 बजे वाराणसी पहुंचेगी।