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HC ने दिल्ली सरकार से पूछा- DVAT में नियुक्ति के लिए क्यों नहीं ली LG की इजाजत

hc dनई दिल्‍ली।  दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से LG और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर हाल में दिए गए फैसले के बाद केजरीवाल सरकार की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली हाई कोर्ट मे एक जन याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस देकर 7 दिन में जवाब मांगा है.

दरअसल, याचिका में DVAT (Delhi value added tax appellate tribunal) में IAS केआर मीना की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया गया है. दिल्ली सरकार ने इसी साल जून में केआर मीना को डीवैट का मेंबर बनाया है, जो इससे पहले लेबर कमिश्नर के पद पर थे. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसके लिए सरकार ने तमाम नियमों और कायदों को ताक पर रख दिया. यहां तक कि DVAT के ट्रिब्यूनल सर्विस रूल्स 2009 की भी कोई परवाह नहीं की गई.

बिना कमेटी के नियुक्ति‍ का नियम नहीं
ट्रिब्यूनल सर्विस रूल-7 के तहत कोई भी नियुक्ति बिना कमेटी का गठन किए नहीं की जा सकती. इतना ही नहीं, कमेटी को भी पहले विज्ञापन देना होता है और फिर जो लोग इसमें आवेदन करते हैं उन सभी के नाम वरीयता के आधार पर LG के पास भेजे जाते हैं. आखिरी फैसले का हक LG का होता है. लेकिन दिल्ली सरकार ने न कोई कमेटी बनाई और ना ही नियुक्ति को लेकर कोई सूची LG के पास भेजी.

एलजी ने मीना को जारी किया नोटिस
नतीजतन, एलजी नजीब जंग ने केआर मीना को नोटिस देकर पूछा कि क्या वो DVAT के सदस्य बनने के योग्य हैं? दूसरी ओर, अब हाई कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को नोटिस देकर पूछा है कि केआर मीना की नियुक्ति में नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया. इस मामले में 17 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.