Breaking News

कमांडो होकर मुशर्रफ डरते क्यों हैं, कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कानून अपना काम करेगा: पाक SC

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को एक मामले में बुधवार(14 जून) को दोपहर तक अदालत में पेश होने को कहा है और कहा है कि एक कमांडो अपने वतन लौटने को लेकर इतना डर कैसे सकता है. मुशर्रफ के खिलाफ दायर इस मामले में उन्हें आजीवन अयोग्य ठहराया जा सकता है. डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार ने चेताया कि पूर्व राष्ट्रपति अगर बुधवार(14 जून) को दोपहर दो बजे तक अदालत में पेश नहीं होते हैं तो कानून के मुताबिक फैसला लिया जाएगा.

प्रधान न्यायाधीश मुशर्रफ की अपील की सुनवाई कर रही तीन न्यायाधीश की बैंच की अगुवाई कर रहे हैं
प्रधान न्यायाधीश मुशर्रफ की अपील की सुनवाई कर रही तीन न्यायाधीश की बैंच की अगुवाई कर रहे हैं. पूर्व सैन्य शासक ने पेशावर उच्च न्यायालय द्वारा 2013 में उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की है. पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने 74 वर्षीय मुर्शरफ को 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव के लिए इस शर्त पर नामांकन दाखिल करने की इजाजत दे दी थी कि वह आज लाहौर में अदालत के सामने पेश होंगे और मामले की सुनवाई में हिस्सा लेंगे. चित्राल की एनए-1 सीट से मुशर्रफ के नामांकन के दस्तावेज इस हफ्ते के शुरू में दाखिल किए गए.

शीर्ष अदालत ने उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट पर रोक हटाने के निर्देश दिए थे
शीर्ष अदालत ने उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट पर रोक हटाने के निर्देश दिए थे ताकि उन्हें आने में दिक्कत नहीं हो, बावजूद इसके पूर्व तानाशाह अदालत में पेश नहीं हुए. न्यायमूर्ति निसार ने आज कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट मुशर्रफ की शर्तें मानने के लिए बाध्य नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही कह चुके हैं कि अगर मुशर्रफ वापस आते हैं तो उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.

हम लिखित गारंटी देने के लिए बाध्य नहीं है. ’’ न्यायमूर्ति निसार ने कहा कि परवेज मुशर्रफ बार-बार यह न दोहराएं कि वह सियासतदां की तरह लौटेंगे , अगर वह कमांडो हैं तो वह वापस आकर हमें दिखाएं. उन्होंने कहा, ‘‘मुशर्रफ को संरक्षण की जरूरत क्यों है ? किस चीज से वह इतना डर रहे हैं. न्यायमूर्ति निसार ने कहा, ‘‘एक कमांडो इतना कैसे डर सकता है? मुशर्रफ कहते हैं कि उनकी जान कई बार बाल- बाल बची है, लेकिन वह कभी नहीं डरे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुशर्रफ को संविधान , कानून , राष्ट्र और अदालतों का सामना करना चाहिए. ’’

परवेज मुशर्रफ पर नई आफत, कोर्ट के आदेश पर सस्पेंड हुआ राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट
पाकिस्तानी प्रशासन ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट को निलंबित कर दिया है. प्रशासन ने यह कदम मुशर्रफ के खिलाफ राष्ट्रद्रोह मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत के आदेश पर उठाया. मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. 74 वर्षीय मुशर्रफ को वर्ष 2007 में देश में आपातकाल लगाने के लिए मार्च 2014 में राष्ट्रद्रोह के आरोपों में दोषी करार दिया गया था. देश में आपातकाल लगाने के बाद कई वरिष्ठ न्यायाधीशों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था और 100 से अधिक जजों को बर्खास्त कर दिया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति 18 मार्च 2016 को चिकित्सा उपचार के लिए दुबई चले गए थे. कुछ महीने बाद, विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था और साथ ही मामले में उनके पेश नहीं होने के कारण उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया था.