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हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है, देश का कानून धर्म के आधार पर नहीं बन सकता: अमित शाह

लोकसभा चुनाव को लेकर वार-पलटवार की राजनीति जारी है। इन सब के बीच केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने के बाद, लोगों का रुझान बीजेपी के प्रति और बढ़ गया है, क्योंकि, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में तुष्टिकरण की अपनी पुरानी आदत दोहराई है। कांग्रेस के घोषणापत्र में पर्सनल लॉ को आगे बढ़ाने की बात कही गई है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या यह देश अब शरिया के मुताबिक चलेगा?

शाह ने साफ तौर पर कहा कि हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है, देश का कानून धर्म के आधार पर नहीं बन सकता। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में साफ कहा है कि वह समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाएगी। हमने तीन तलाक को खत्म किया और यूसीसी शुरू किया और हम इसे आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पर्सनल लॉ की बात करते हैं, यानी देश को बांटने की बात करते हैं…पर्सनल लॉ इस देश में लागू नहीं हो सकता…मुझे विश्वास है कि हम नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखेंगे। उन्होंने कहा कि मैं मतदाताओं से अपील करना चाहूंगा कि सुरक्षित और समृद्ध देश और गरीबों के कल्याण के लिए वे ऐसी पार्टी को चुनें जो अपने शब्दों पर कायम रहे।

 

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव घोषणापत्र को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी का छिपा हुआ एजेंडा पिछड़े वर्गों और गरीबों के अधिकारों को छीनना और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए मुसलमानों को देना है। नड्डा ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस और इंडियी गठबंधन का छिपा हुआ एजेंडा एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकारों को छीनना और मुसलमानों को देना है। कांग्रेस का कहना है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है।