लखनऊ। जब मुंबई की एक कोर्ट ने पिछले हफ्ते आतंक के आरोपी को जूवेनाइल रिमांड होम में भेजा तो सुरक्षा एजेंसियों ने एक चिंताजनक स्थिति की ओर गौर किया। सुरक्षा एजेंसियों ने पाया है कि इस्लामिक स्टेट बेहद युवाओं को टारगेट कर रहा है।
इमरान के वकील ने सेवरी के अडिशनल मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट के आगे उसकी दसवीं क्लास की मार्कशीट पेश की जिसमें उसकी बर्थ डेट मई 1999 है लेकिन जांच एजेंसियों द्वारा पेश किए गए इलेक्टोरल रेकॉर्ड से उसकी उम्र 20 साल है।
एजेंसियों ने इमरान की आईएस रिक्रूटर के तौर पर पहचान की थी। महाराष्ट्र एटीएस के अनुसार वह जिहादियों के लिए सुरक्षित ठिकाने तलाशता था और उन्हें छिपाकर ट्रेन करता था। कथित तौर पर वह हवाला के पैसों के जरिए मुंबई और गोवा में प्रॉपर्टी किराए पर भी लेता था।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एनआईए द्वारा 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिन पर आईएस का समर्थक होने का आरोप था। इन सभी की उम्र 24 साल से कम है। इसमें लखनऊ का मोहम्मद अलीम (20 साल) और आसिफ अली (23 साल), बेंगलुरु का सुहैल अहमद (23 साल) शामिल है।