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यूपी ATS ने बताया नोएडा में डेरा क्यों डाले हुए थे नक्सली

pd logनोएडा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने नोएडा से गिरफ्तार किए गए 10 संदिग्ध नक्सलियों के खतरनाक मंसूबों का खुलासा किया है। यूपी एटीएस के मुताबिक इन नक्सलियों ने आर्थिक संसाधनों की तलाश में पूर्वी यूपी और बिहार से नोएडा का रुख किया था और कई महीनों से यहां डेरा डाल रखा था। दिवाली से पहले विस्फोटक के साथ हुई इनकी गिरफ्तारी से माना जा रहा है कि ये सभी दिल्ली-एनसीआर में बड़ी साजिश रच रहे थे।

यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, ‘पूर्व सूचना के आधार पर छापेमारी की गई जिसमें नोएडा से 9 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। दसवें नक्सली रंजीत की गिरफ्तारी आज सुबह चंदौली से हुई जो इनका कमांडर है। इनसे डेटोनेटर और विस्फोटक बरामद हुए हैं।’

क्या ये नक्सली एनसीआर इलाके में अपने वर्चस्व की स्थापना के लिए आए थे? इस सवाल पर आईजी ने कहा, ‘उनका मकसद इलाके में वर्चस्व स्थापित करना नहीं था। वह यहां इसलिए आए थे क्योंकि जिन इलाकों (बिहार और यूपी) में ये सक्रिय हैं, वहां उन्हें संसाधन की कमी हो रही थी और वे यहां लूटपाट, अपहरण, सुपारी लेकर हत्या की घटना से संसाधन जुटाने आए थे।’

आईजी ने बताया कि अभी तक की पूछताछ से यह बात सामने आई है कि वे पैसों के लिए सुपारी लेकर हत्या, बैंक और एटीएम में लूटपाट की योजना बना रहे थे। आईजी असीम अरुण ने कहा, ‘अभी ऑपरेशन जारी है और नक्सलियों के गिरफ्तार होने की संभावना है।’

अरुण ने बताया कि नक्सलियों से सात पिस्तौलें, डेटोनेटर और विस्फोटक बरामद हुए हैं, जबकि चंदौली में गिरफ्तार किए गए रंजीत से तीन राइफलें बरामद की गई हैं, जिनमें एक आर्म्ड फोर्स की इंसास राइफल शामिल है। इसके अतिरिक्त एक एसएलआर और एसएलआर की तीन मैगजीन भी बरामद हुई हैं।

असीम अरुण ने बताया कि उनसे पूछताछ के लिए केंद्रीय एजेंसी नोएडा पहुंच चुकी है। सभी 10 नक्सलियों को दोपहर बाद कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी।

उन्होंने इन नक्सलियों के किसी आतंकी संगठन से संपर्क में होने की संभावना से इनकार किया है। हालांकि, उन्होंने यह उम्मीद जाहिर की है कि इस घटना के बाद एनसीआर पुलिस और चौकस होगी।