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फ्रांस के सबसे ‘युवा’ राष्ट्रपति चुने गए इमैनुएल मैक्रों

पेरिस। फ्रांस में नया राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान खत्म हो गया है. मतदान के बाद मीडिया में जारी पूर्वानुमानों के हिसाब से युवा उम्मीदवार इमैनुएल मैक्रों के नया राष्ट्रपति होने की संभावना जताई जा रही है. खबरों के मुताबिक फ्रांस की ज्यादातर पोलिंग कंपनियों ने बताया है कि अपनी विरोधी मरी ली पेन को 34 के मुकाबले 65 फीसदी वोटों से मात दे दी है.

इस जीत के साथ 39 वर्षीय इमैनुएल मैक्रों फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति भी बन गए हैं. चुनाव जीतने के बाद मैकरॉन का कहना है कि यह फ्रांस के लिए नये ‘उम्मीदों और विश्वास से भरे’ अध्याय की शुरूआत है.

इस जीत ने 39 वर्षीय निवेश बैंकर के राजनीतिक करियर को बहुत बड़ा बना दिया है. बेहद कम राजनीतिक अनुभव रखने वाले मैकरॉन फ्रांस के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति होंगे.

प्राथमिक अनुमान के मुताबिक मैकरॉन 65.5 से 66.1 प्रतिशत के बीच मतों के साथ जीत रहे हैं जबकि ले पेन को 33.9 और 34.5 प्रतिशत के बीच वोट मिले हैं.

मैकरॉन ने कहा, ‘‘आज रात हमारी लंबे इतिहास के एक नये अध्याय की शुरूआत हो रही है. मैं चाहता हूं कि यह आशा और नये विश्वास का अध्याय हो.’’ चुनाव में मिली हार स्वीकार करते हुए ले पेन ने इसे ‘‘ऐतिहासिक परिणाम’’ बताया और मैकरॉन को जीत पर बधाई दी.

एक बयान में ले पेन ने कहा कि उन्होंने मैकरॉन को जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया था. उन्होंने मैकरॉन के समक्ष मौजूद ‘‘बड़ी चुनौतियों’’ से निपटने में उनकी ‘‘सफलता’’ की कामना की.

गौरतलब है कि राजनीति की दुनिया के लिए तीन साल पहले तक बेहद अनजान चेहरा आज की चुनावी जीत के बाद यूरोप का सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरा है. इस जीत के साथ ही अब मैकरॉन के समक्ष फ्रांस और यूरोपीय संघ के राजनीतिक और आर्थिक सुधार का बेहद महत्वकांक्षी और महत्वपूर्ण एजेंडा है.

इस चुनाव परिणाम का पूरी दुनिया पर असर होगा. विशेष रूप से ब्रसेल्स और बर्लिन ने आज रात राहत की सांस ली क्योंकि ले पेन की हार के साथ ही उनके यूरोपीय संघ विरोधी और वैश्वीकरण विरोधी अभियानों की हार हो गयी है.