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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट में 19 नए चेहरों को करेंगे शामिल

cabinet-ministersनई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल में 19 नए चेहरे शामिल होंगे। खबर है कि राजनीति में अनुभव और शिक्षा को मंत्रियों के चयन में अहमियत दी गई है। इसके अलावा भौगोलिक और सामाजिक विविधता का भी ध्यान रखा गया है। यही नहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि धर्म और राजनीति के आधार पर चयन नहीं किया गया है, बल्कि पेशेवर और केंद्र-राज्य सरकारों में अनुभव देखा गया है। खबर ये भी है कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में नए मंत्रियों को लगाया जाएगा।

कैबिनेट विस्तार में बड़े मंत्रालयों में बड़े फेरबदल की संभावना है। 19 नए मंत्री शपथ लेंगे। वहीं 6 मंत्रियों की छुट्टी होने की भी खबर है। मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी चुनावों का खास तौर पर ध्यान रखा गया है। सूत्रों की मानें तो वहां से तीन मंत्रियों को लिया जा रहा है। नए मंत्रियों में दलितों की संख्या काफी है।

खबर है कि जयंत सिन्हा को तरक्की मिल सकती है। इसके अलावा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण को बड़ा मंत्रालय दिया जा सकता है। पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी का भी प्रमोशन संभव है।

संभावित मंत्रियों की सूची में शामिल बड़े नामों में विजय गोयल, फग्गन कुलस्ते (पूर्व केंद्रीय युवा और खेल मामलों के मंत्री), दार्जिलिंग से भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया (पूर्व आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री) और पीपी चौधरी हैं। चौधरी लाभ के पद पर गठित संयुक्त संसदीय कमेटी के प्रमुख हैं।

इसके अलावा कई ऐसे चेहरों को शामिल किया जा रहा है जिनका राज्य स्तर के प्रशासन में लंबा अनुभव रहा है। इनमें गुजरात के दो पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और जसवंत सिंह भबोर, कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जिगाजिनागी और यूपी के पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ पांडे हैं।

विविधता के कलेवर को बढ़ाने और विशेष अनुभव एवं विशेषज्ञता को ध्यान में देखते हुए कैबिनेट में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता पीपी चौधरी, कैंसर विशेषज्ञ सुभाष राम राव भामरे, पत्रकार एमजे अकबर, राजस्थान सरकार के पूर्व अधिकारी अर्जुन राम मेघवाल और लेखक अनिल माधव दवे, अनुप्रिया पटेल और मनसुख मांडविया को भी शामिल किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने चयन प्रक्रिया के सुस्पष्ट फ्रेमवर्क के तहत ऐसे लोगों को मंत्रिपरिषद में जगह देने का फैसला किया है, जो उनके विकास और सुशासन के एजेंडे को आगे बढ़ाने और इस दिशा में स्पष्ट नतीजे देने के साथ ही सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं गांव, गरीब एवं किसान पर ध्यान दे सकें।

इस कड़ी में कुशल व्यक्तियों के चुनाव के लिए लंबी मशक्कत की गई है। मंत्रिपरिषद में जगह देने के लिए उनको योग्यता और कुशलता की कसौटी पर आंका गया है। इस संदर्भ में यह फेरबदल आम चलन के उलट होगा। अभी तक सियासी समीकरणों के लिहाज से जाति, धर्म और अन्य वजहों के चलते मंत्रिपरिषद में जगह मिलती थी। इस प्रकार मंत्रिमंडल के फेरबदल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास की राजनीति के फलसफे की सुस्पष्ट छाप दिखने की उम्मीद है।

राजनीति में अनुभव और शिक्षा को चयन में अहमियत दी गई है। इसके अलावा भौगोलिक और सामाजिक विविधता का भी ध्यान रखा गया है। खबर ये भी है कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में नए मंत्रियों को लगाया जाएगा।