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अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को CBI ने गिरफ्तार किया

Rajendra-kumarनई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार समेत 5 लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। उनपर सरकारी ठेकों में घूस लेने और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। एजेंसी के प्रवक्ता आरके गौड़ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन लोगों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल बनता देख घबरा गई है और घटिया हरकत पर उतर आई है।

गिरफ्तार किए गए लोगों में 4 अन्य ऑफिसर शामिल हैं। कुछ दिन पहले ही CBI ने उनके ऑफिस पर छापे मारे थे। राजेंद्र पर पिछले 5 सालों के दौरान कई निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोपों के बाद यह छापेमारी हुई थी।

सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि राजेंद्र कुमार 50 करोड़ रुपये के उस घोटाले के मास्टरमाइंड के तौर पर उभरे, जो साल 2006 में शुरु हुआ।

वरिष्ठ अधिकारी और दिल्ली डायलॉग कमिशन के पूर्व सचिव आशीष जोशी ने एसीबी चीफ एमके मीणा को पत्र लिखकर राजेंद्र कुमार को भ्रष्ट करार दिया था और जांच की मांग की थी। राजेंद्र कुमार केजरीवाल के विश्वासपात्र अफसरों में से एक हैं। दिल्ली आईआईटी से पढ़ाई करने वाले राजेंद्र कुमार 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। राजेंद्र की तैनाती फरवरी में सीएम केजरीवाल के प्रमुख सचिव के तौर पर की गई थी।
सीबीआई का आरोप है कि राजेंद्र कुमार ने अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी संभालते हुए अपने लोगों के नाम बनाई कई फर्जी कंपनियों को फायदा पहुंचाया। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, एजेंसी की FIR में कहा गया है कि साल 2006 में एंडेवर्स सिस्टम्स नाम की कंपनी बनाई गई। यह राजेंद्र कुमार और अशोक कुमार की कंपनी है। दिनेश कुमार गुप्ता और संदीप कुमार इसके निदेशक थे। यह कंपनी सॉफ्टवेयर और सॉल्यूशन मुहैया कराती थी।

आरोप है कि साल 2007 में राजेंद्र कुमार ने दिल्ली सरकार की ओर से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की खरीद के लिए ICSIL का एक पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू की। साल 2007 में राजेंद्र दिल्ली ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के सचिव बनाए गए और आरोप है कि उन्होंने उचित टेंडर के बिना ही ठेके बांटे।