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आदित्य और अपर्णा के नाम के साथ मुलायम ने अखिलेश को सौपी 38 उम्मीदवारों की सूची

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को अपने 38 प्रत्याशियों की सूची पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंप दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस सूची को मंजूर कर लिया है। चौकाने वाली बात यह है कि अखिलेश की नेतृत्व में चुनाव लडऩे से शिवपाल सिंह यादव ने इनकार कर दिया है। लेकिन, उनके बेटे आदित्य यादव को जसवंतनगर से चुनाव लड़ाया जाएगा। जबकि मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से टिकट मिलेगा।

मुलायम नहीं बनाएंगे नई पार्टी
मंगलवार को अखिलेश यादव दोबारा अपने पिता और पार्टी के मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच करीब 20 मिनट की बात हुई। इस मुलाकात में मुलायम ने अपने 38 वफादारों की सूची अखिलेश यादव को सौंपी। इन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जाने की बात कही गई है। माना जा रहा है अखिलेश मुलायम की लिस्ट को मंजूर कर लिया है और सभी को टिकट देने की बात कही है।

इसके अलावा मुलायम और शिवपाल की सलाह से ही पार्टी के बाकी उम्मीदवारों की सूची जारी किए जाने पर चर्चा हुई है। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने इस बात के संकेत दिए हैं वह अब नई पार्टी नहीं बनाएंगे। इसके अलावा अपने कैंडिडेट्स भी चुनाव मैदान में नहीं उतारेंगे। 38 उम्मीदवारों की लिस्ट में शिवपाल यादव का नाम नहीं हैं। लेकिन उनके बेटे आदित्य का नाम है। उन्हें जसवंतनगर से चुनाव लड़ाया जाएगा। इसके अलावा इस लिस्ट में ओमप्रकाश सिंह, नारद राय और शादाब फातिमा का भी नाम है। जबकि अपर्णा यादव को लखनऊ के कैंट से टिकट दिए जाने की बात की गई है।

शिवपाल भी मुलाकात के दौरान मौजूद
मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के दौरान शिवपाल यादव और अंबिका चौधरी भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि बैठक के दौरान आपसी मतभेद भुलाने पर बात हुई। मुलायम ने पार्टी जनों को भी चुनाव की तैयारियोंं में जुटने का निर्देश दिया है। शिवपाल यादव को राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय किए जाने पर सहमति बन रही है। हालांकि उन्हें टिकट मिलेगा तो वे भी मैदान में उतर सकते हैं।

अखिलेश गए सुप्रीम कोर्ट
इस बीच मंगलवार को रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की। ये कैविएट इसलिए लगाई है कि अगर शिवपाल यादव गुट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाता है तो उनका (अखिलेश) पक्ष सुने बिना कोई फैसला न लिया जाए। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा इसलिए किया है ताकि आगे चलकर सिंबल को लेकर कोई कानूनी अड़चन न आए। इस बीच अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा, कि पार्टी सपा कांग्रेस से गठबंधन का एलान एक-दो दिन में कर दिया जाएगा। जल्द ही लिस्ट भी जारी हो जाएगी। अपने पिता से मतभेदों के संबंध में उन्होंने कहा कि वह मेरे पिता है लेकिन यह लड़ाई जरूरी थी। अखिलेश ने कहा कि अब बड़ी जिम्मेदारी है। सबका साथ मिला तो फिर सरकार बनाऊंगा। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा था कि साइकिल सिंबल हमें ही मिलेगा।

शीला ने नाम वापस लिया
उधर, खबर है कि यूपी में कांग्रेस की सीएम कैंडिडेट शीला दीक्षित ने अपना नाम वापस ले लिया है। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि यूपी के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन होगा। हम अखिलेश की अगुआई में ही चुनाव लड़ेंगे।