अनूप कुमार मिश्र
नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी संगठन किसी भी कीमत पर बड़े हमलों को अंजाम देने की फिरांक में हैं. अपनी नापाक साजिश को अमलीजामा पहनाने के लिए आतंकी संगठनों ने एक तरफ कश्मीर के युवाओं को बरगलाकर आतंकी बनाने में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद 10 लांचिंग पैठ से 450 आतंकियों को J&K में ढकेलने की नाकाम कोशिश की जा रही है. सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, लगातार घुसपैठ की कोशिशों में नाकामी हाथ लगने के बाद आतंकियों ने आतंक के रास्ते पर चल पड़े घाटी के नौजवानों को AK-47 और MP-5जैसे अत्याधुनिक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है. इन नए आतंकी लड़ाकों को आतंक का प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने उठाई है. लश्कर के आतंकी बांदीपुरा के जंगलों में नए लड़ाकों को न केवल अत्याधुनिक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं बल्कि आतंकीहमले के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में ध्यान में रखकर उनका प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है. आतंकियों द्वारा नए लड़ाकों को प्रशिक्षण दिए जाने की पुष्टि हाल में सामने आए एक वीडियो के जरिए भी हुई है.
बीते पांच महीनों में घाटी से लापता हुए 150 से अधिक नौजवान
सूत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में बीते 5 महीनों में घाटी के विभिन्न गांवों से करीब 150 से अधिक नौजवान लापता है. आशंका जताई जा रही है कि घाटी से लापता हुए इन नौजवानों ने आतंकियों के बहकावे में आकर आतंक का रास्ता अख्तियार नहीं कर लिया है. सुरक्षाबल से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार घाटी से लापता हुए 150 से अधिक नौजवानों में अब तक सिर्फ 50 से 60 के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई है. वहीं इस बाबत, इंटेलीजेंस का मानना है कि घाटी से लापता हुए युवकों की संख्या इससे कहीं अधिक है. घाटी में करीब 90 से 100 के बीच में ऐसे युवक हैं, जिनके लापता होने के बावजूद उनके परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं कराई है. सुरक्षाबलों को शक है कि लापता युवकों के परिजनों के पता है कि उसके घर के बच्चे कहां, किसके साथ और किन परिस्थितियों में हैं. लिहाजा, सुरक्षाबलों इन परिवारों से संपर्क कर भावनात्मक तरीके से बच्चों की जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
इन इलाकों से लापता हुए सर्वाधिक नौजवान
सूत्रों के अनुसार बीते दिनों सर्वाधिक बच्चे बारामुला, शोपियां, बांदीपुरा, पुलवामा और अनंतनाग से लापता हैं. उल्लेखनीय है कि सुरक्षाबलों के ऑपरेशन ऑल-आउट में अब तक इन्हीं इलाकों में लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही थी. इन इलाकों में मुठभेड़ के दौरान अब तक करीब 33 आतंकियों को मार गिराया गया है. जिसमें शोपियां में सर्वाधिक 21 आतंकियों को मुठभेड़ में मारा गया है. वहीं बारामुला में 5 और अनंतनाग में करीब 7 आतंकियों को मार गिराया गया है. घाटी में ऑपरेशन ऑल-आउट पर विराम लगने से पहले तक इन इलाकों में सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे थे. घाटी में सीजफायर घोषित होने के साथ ही आतंकियों ने नए लड़ाकों की भर्ती और उनके प्रशिक्षण का अभियान तेज दिया था. सूत्रों के अनुसार सीजफायर के दौरान घाटी में सक्रिय तमाम आतंकियों को एकजुट होने का मौका मिल ही गया था, साथ ही अपने लिए नए ठिकानों को तैयार करने व नए मददगार बनाने का मौका भी मिल गया था.
हर गांव से दो युवकों को आतंकी बनाने का षणयंत्र!
सुरक्षाबल के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को दफनाने के दौरान आतंकी गिरोह की कोशिश होती है कि वह उस गांव तक जरूर पहुंचे, जहां का मारा गया है या जिस गांव का आतंकी रहने वाला है. गांव पहुंचने के बाद आतंकी गोलीबारी कर मारे गए आतंकी को सम्मान देने की कोशिश करते रहे. मारे गए आतंकियों को सम्मान देने के लिए गांव में सार्वजनिक सभा बुलाने के बाद अंधाधुंध फायरिंग दी जाती थी. इस दौरान गांव में फैली संवेदना का फायदा उठाकर आतंकी गांववालों से दो युवकों को उनके साथ भेजने के लिए दबाव बनाते हैं. सूत्रों के अनुसार आतंकी अपनी इस तरह की ज्यादातर कोशिशों में कामयाब होते रहे हैं. इसी का नतीजा है कि घाटी के जिस गांव में जिस दिन सुरक्षाबल आतंकी को ढेर करते हैं, उसी दिन उसी गांव से दो नौजवान आतंक के रास्ते पर निकल पड़ते हैं.
इन रास्तों से है आतंकियों को घुसपैठ कराने की तैयारी
सुरक्षाबलों के अनुसार भारत में घुसपैठ कराने के लिए कराने के लिए पाकिस्तान ने दस लांचिंग पैड तैयार किए हैं. जिसमें गुरेज सेक्टर से 20 आतंकी, माछिल सेक्टर से 50 आतंकी, केरन सेक्टर से 55 आतंकी, तंगधार सेक्टर से लश्कर और जैश के 65 आतंकी, नौगाम सेक्टर से 7 आतंकी घुसपैठ की फिरांक में हैं. इसके अलावा, उरी सेक्टर से 50 आतंकी, पुंछ सेक्टर से 35 आतंकी, भींबर गली से 120 आतंकी, नौसेरा सेक्टर से 30 आतंकी और रामपुर सेक्टर में 3 आतंकी घुसपैठ के लिए मौका तलाश रहे हैं.
J&K के DGP ने कहा, बेखौफ होकर करें अमरनाथ यात्रा
आतंकी हमलों की आशंका के बीच जम्मू और कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से बेखौफ होकर बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए जाने की लिए कहा है. उन्होने कहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस वर्ष यात्रा को सफल बनाने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किए हैं. उनकी तरफ से इस बार सर्वश्रेष्ठ बंदोबस्त किए गए हैं. अभी भी, समीक्षा के दौरान जो भी छोटी से छोटी खामी नजर आ रही है, उसे बिना किसी देरी के दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षाबलों की तरफ से सभी तैयारियों को लगभग पूरा कर लिया गया है. श्रद्धालु बिना किसी खौफ या डर के अमरनाथ यात्रा पर जा सकते हैं. उन्होंने अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से यह अपील भी की है कि सुरक्षाबलों की तरफ से जारी किए जाने वाले सभी सिक्योरिटी अर्लट का पालन करें. विभिन्न आतंकी संगठनों को लेकर डीजीपी वैद्य ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआईएस सभी एक बराबर हैं. सभी आतंकी संगठनों से निपटना का तरीका एक ही है. उन्होंने बताया कि हाल में आई आईबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) और खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाने के लिए आतंकियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है.