रियो डी जनीरो। रेसलर नरसिंह यादव के ओलिंपिक मैट तक पहुंचने की राह में एक और पेच फंस गया है। इस बार वर्ल्ड डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने नरसिंह पर सवाल उठाए हैं। इस पर स्पोर्ट्स के इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) ने उन्हें तलब किया है और उनसे अपना पक्ष रखने को कहा है। नरसिंह अगर अपने जवाब से संतुष्ट नहीं कर सके तो रियो ओलिंपिक में उनकी एंट्री पर रोक तो लगेगी ही, उन पर 2 से 4 साल तक का बैन भी लग सकता है।
भारत के नैशनल ऐंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) द्वारा नरसिंह यादव को दी गई क्लीन चिट पर वाडा को आपत्ति है। उसने कुछ सवाल उठाए हैं। इस पर CAS ने भारत के शेफ-डी-मिशन राकेश गुप्ता को मेल लिखकर उसके सामने पेश होने को कहा। 13 अगस्त को यह मेल मिलने के बाद भारतीय दल ने 15 दिन का समय मांगा जिसको CAS ने खारिज कर दिया। मंगलवार को भारतीय ओलिंपिक असोसिएशन (IOA) के सेक्रटरी जनरल राजीव मेहता ने गेम्स विलेज में टेंपररी बनाए गए CAS के दफ्तर में वहां के ऑफिशल्स से मुलाकात की। तर्क दिया गया कि नरसिंह अपनी बात रखने के लिए वकील का सहारा लेना चाहते हैं। इसके मद्देनजर CAS उन्हें केवल दो दिन का समय देने को राजी हुआ।
मैच से एक दिन पहले फैसला
कोर्ट की ओर से मामले की सुनवाई 18 अगस्त को सुबह 9 बजे रखी गई है जबकि नरसिंह का मुकाबला उसके 30 घंटे बाद शुरू होने वाला है। IOA ने डोपिंग के मामलों के जानकार एक स्थानीय वकील से संपर्क किया है। उनके माध्यम से सारी बात रखी जाएगी। नरसिंह मामले को पहले भी देख चुके वकील दिल्ली से स्काइप के जरिए सुनवाई में हिस्सा लेंगे। कोशिश होगी कि नरसिंह को सुनवाई में नहीं जाना पड़े ताकि वह अपनी तैयारियों पर ध्यान दे सकें। नरसिंह का नाम ओलिंपिक की ऑफिशल एंट्री लिस्ट से अभी हटाई नहीं गई है।
कुछ देशों को आपत्ति!
सूत्रों के मुताबिक नरसिंह की ओलिंपिक में भागीदरी पर कुछ ऐसे देशों को आपत्ति है जिनके रेसलर 74 किलोग्राम मेंस फ्रीस्टाइल कैटिगरी में हिस्सा लेने वाले हैं। उनका कहना है कि नरसिंह को भले ही धोखे से बैन की हुई दवा खिलाई गई हो लेकिन इस बात से नाडा को भी इनकार नहीं कि उनके सैंपल पॉजिटिव थे।