लखनऊ। पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी ने एक बार फिर मायावती पर हमला बोलते हुए यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। स्वाति सिंह का कहना है कि यूपी पुलिस मायावती से डरी हुई है, इसीलिए नसीमुद्दीन को बचा रही है। धरने के दौरान नसीमुद्दीन बहन-बेटी को पेश करने के नारे खुलकर लगा रहे हैं, लेकिन लखनऊ पुलिस ने उन पर पॉस्को ऐक्ट नहीं लगाया।
प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्वाति सिंह ने आरोप लगाया कि लखनऊ पुलिस द्वारा सही कार्रवाई न किए जाने को लेकर उन्होंने डीजीपी जावीद अहमद से मुलाकात के लिए समय भी मांगा, लेकिन उनके स्टाफ ने ना ही डीजीपी से बात करवाई और ना बाद में संपर्क किया।
स्वाति का कहना है कि उनके मुकदमे के विवेचक सीओ हजरतगंज अशोक कुमार वर्मा उनका फोन नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को दुर्गादत्त, एक महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोग उनके घर पर आए थे। उन्होंने दो सीडी उन्हें सौंपी। एक सीडी में सिर्फ नसीमुद्दीन से जुड़ी रिकॉर्डिंग है, जिसमें वह बाकी नेताओं के साथ बहन-बेटी को पेश करने के नारे लगा रहे हैं।
सबूत दिए जाने के बाद भी पुलिस ने उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। सूबे के सीएम अखिलेश यादव ने भी माना है कि बीएसपी नेताओं ने उनके परिवार को लेकर जो कहा वह बड़ा गुनाह है, इसके बावजूद लखनऊ पुलिस चुप बैठी है।
…तो बीएसपी के खिलाफ करेंगी प्रचार
स्वाति ने कहा कि वह चुनावों के दौरान पब्लिक के बीच जाकर बीएसपी प्रत्याशियों के सामाजिक बहिष्कार की मांग करेंगी। हालांकि स्वाति किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने या चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार करती रहीं। उन्होंने बीजेपी के बड़े नेताओं का समर्थन होने की बात से भी इनकार करते हुए कहा कि अगर बड़े नेता साथ होते तो उनके पति दयाशंकर सिंह की जमानत अर्जी खारिज न होती।