लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूपी की पहली बड़ी रैली रविवार को बरेली में होने जा रही है। भले ही इस रैली को किसान कल्याण रैली का नाम दिया गया है, लेकिन किसानों के बहाने पीएम विधानसभा चुनाव 2017 को भी साधने की कोशिश करेंगे। पीएम की कोशिश होगी कि इस रैली के जरिए वह रुहेलखंड के साथ ही पश्चिमी यूपी के किसानों को भी लुभा सकें। इसके अलावा दलित मुद्दों को उछालकर भी वह उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर सकते हैं।
सीएम अखिलेश यादव भी इस वित्त वर्ष को किसान वर्ष घोषित कर चुके हैं। अब प्रधानमंत्री किसान कल्याण रैली के जरिए यूपी के किसानों को दी गई सरकारी मदद का बखान कर सकते हैं। रुहेलखंड में ही रैली रखने का एक मकसद ये भी है कि वहां भी किसानों को खासा नुकसान हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की समस्याओं पर फोकस करना भी पीएम की रैली का एक हिस्सा हो सकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत भी उन्होंने ने ही की है। कोशिश यह बताने की भी होगी कि केंद्र तो किसानों के लिए बहुत कर रहा है लेकिन यूपी में उन योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचता और राज्य सरकार किसानों को उनका पूरा हक नहीं दे रही है। नए बजट में भी केंद्र सरकार किसानों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है।
एमएलसी चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे में प्रधानमंत्री किसी नई योजना का ऐलान नहीं कर सकेंगे। यहां तक कि जिले के 1553 लोगों को जो उपकरण बांटे जाने हैं, उन्हें भी निराश होना पड़ेगा।
पीएम की रैली को सफल बनाने के लिए यूपी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने वहां डेरा डाल दिया है। पूरा जोर भीड़ जुटाने पर है। करीब 21 महीने बाद यूपी में हो रही पीएम की रैली को संगठन ने नाक का सवाल बनाया है। यूपी प्रभारी ओम माथुर, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल बरेली में जमे हैं। शुक्रवार की शाम से ही प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई भी डेरा जमाए हुए हैं। इससे पहले उन्होंने सीतापुर, लखीमपुर और शाहजहांपुर में रैली में किसानों की भागीदारी को लेकर बैठकें कीं। किसान रैली के संयोजक धर्मपाल सिंह का कहना है कि पीएम के स्वागत के लिए कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, मेनका गांधी, संतोष गंगवार, मुख्तार अब्बास नकवी, संजीव बालियान सहित अनेक केन्द्रीय मंत्री और सांसद मौजूद रहेंगे। बीजेपी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि केंद्र की योजनाओं को लेकर किसानों में उत्साह है।
पीएम की रैली की सुरक्षा को लेकर खुफिया तंत्र ने पुलिस महकमे को आगाह किया है कि रैली में खलल डालने के लिए कोई खुराफाती तत्व पुलिस या सेना की वर्दी में घुसपैठ कर सकता है। इशारा साफ तौर पर आतंकी संगठनों की गतिविधियों की तरफ है। ऐसे में हर स्तर पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। पुलिस के अफसरों और सिपाहियों के लिए भी परिचय पत्र बनाए गए हैं। लगभग 350 लोग खुफिया एजेंसियों के राडार पर हैं। इन लोगों की फोन पर हो रही बातचीत टेप की जा रही है।