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सपा परिवार के झगड़े पर पीएम की ‘टिप्पणी’, मुलायम-मायावती पर करारा प्रहार

modi-upलखनऊ/महोबा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को उत्तर प्रदेश की बदहाली का जिम्मेदार बताया. महोबा में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सूबे को उत्तम प्रदेश बनाना है तो जनता को इन दोनों पार्टियों के जाल से बाहर निकलना होगा. उन्होंने मुलायम के कुनबे में चल रहे विवाद पर भी निशाना साध दिया और कहा कि ‘इन्हें सिर्फ परिवार बचाने की चिंता है.’

मोदी ने यहां आयोजित ‘परिवर्तन रैली’ में बुंदेलखण्ड समेत पूरे प्रदेश की बदहाली के लिये सपा और बसपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा ‘यूपी ने राजनीति बहुत देखी है. हर प्रकार का खेल देखा है. जिन्हें खेल खेलना था, वो खेल चुके. जिन्हें पाना था, पा लिया. कभी सपा, कभी बसपा. उनकी दुनिया तो चलती रही लेकिन आपकी दुनिया में कोई बदलाव नहीं आया.’

उन्होंने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश को आने वाले 10 साल में उत्तम से उत्तम प्रदेश बनाने की इच्छा है तो इन सपा-बसपा के चक्कर से बाहर निकलिये.’ उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में बसपा और सपा एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहते हैं लेकिन सत्ता में आने पर उन्होंने दूसरी पार्टी के भ्रष्टाचारियों को जेल नहीं भेजा.

ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे के लिये जनता को भ्रमित करने खेल खेलकर कुर्सी हथियाती हैं. प्रधानमंत्री ने कहा ‘उत्तर प्रदेश ने केन्द्र की पिछली सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसी ताकत दिखायी कि दिल्ली में शत-प्रतिशत बदलाव हो गया. प्रदेश में इस बार भी ज्यादा उलझन का मामला नहीं है. यहां एक तरफ वो लोग हैं जिनको परिवार बचाने की चिंता है, दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनको किसी भी प्रकार से गद्दी हासिल करनी है. एक तरफ हम लोग हैं जिन्हें प्रदेश को आगे बढ़ाने और उसे बनाने की चिंता है. निर्णय आपको करना है.’

उन्होंने नौजवानों से कहा कि आपके पूर्वजों ने किसी ना किसी भावना में आकर सपा और बसपा को सम्भाल कर रखा, लेकिन इन पार्टियों ने उनके लिये कुछ नहीं किया. आपके पूर्वजों को तो भावना के कारण नुकसान उठाना पड़ा लेकिन आप भविष्य की चिंता करना, आपको बदलाव मिलेगा.

प्रधानमंत्री ने अच्छी और खराब सरकार के फर्क को दिखाने के लिये बुंदेलखण्ड का उदाहरण देते हुए कहा, ‘अच्छी सरकार आने से क्या फर्क होता, यह दिखाने के लिये बुंदेलखण्ड अच्छी जगह है. बुंदेलखण्ड का एक हिस्सा मध्य प्रदेश में है तो दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश में है. उत्तर प्रदेश के हिस्से पर कभी सपा तो कभी बसपा ने राज किया. मध्य प्रदेश वाले बुंदेलखण्ड पर बीजेपी ने राज किया. दोनों को केन्द्र ने करीब साढ़े तीन-चार हजार करोड़ रपये दिये. नतीजा यह है कि मध्य प्रदेश वाले बुंदेलखण्ड पर वहां की बीजेपी सरकार ने पाई-पाई का उपयोग किया. उत्तर प्रदेश में जो धन दिया गया, उसका कोई पता नहीं.’

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से वाले बुंदेलखण्ड में 90 प्रतिशत पानी की जरूरत पूरी कर दी है, जबकि उत्तर प्रदेश में 40 प्रतिशत काम भी नहीं हुआ है. उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड में सिंचाई की योजनाओं में से एक भी पूरी नहीं की गयी. मध्य प्रदेश ने पूरी 170 योजनाएं मुकम्मल कर दीं. उत्तर प्रदेश में 30 हजार में से सिर्फ साढ़े तीन हजार कुओं का काम हुआ है. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के बुंदेलखण्ड में 47 हजार कुओं की योजना में से शत-प्रतिशत काम पूरा कर दिया गया.

मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिये हैं, जिनमें वह खुद भी शामिल हैं. वह उत्तर प्रदेश के लिये उन सभी प्रधानमंत्रियों से ज्यादा करना चाहते हैं. प्रदेश की जनता उन्हें ऐसी सरकार दे कि वह कर्ज चुका सकें. प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच नदियों वाले बुंदेलखण्ड की सूखी मिट्टी हीरे, मोती और सोना देने की ताकत तो रखती है लेकिन किसान को पेट भरने का अन्न नहीं दे पाती.

अगर पानी का प्रबन्ध कर दिया जाये तो यहां का किसान मिट्टी से सोना पैदा कर सकता है. कच्छ का रेगिस्तान तो बुंदेलखण्ड से भी भयंकर प्राकृतिक संकट वाला इलाका था, आज वह देश का सबसे तेजी से बढ़ने वाला जिला है. बुंदेलखण्ड भी ऐसा बनने की ताकत रखता है. मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदियां जोड़ने की परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में कई नदियां हैं, जो बाढ़ के कारण पूरे इलाके को तबाह कर देती हैं.

उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी हैं जो वर्षा के कुछ दिन बाद सूख जाती हैं. अगर नदियों को जोड़ दिया जाए तो धरती के अंदर भी पानी उतरेगा और अगल-बगल के इलाके में भी खेती के लिये पानी सुलभ होगा. यहां केन और बेतवा नदियों को जोड़ने के बीड़े को केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आगे बढ़ाया है. उन्होंने बुंदेलखण्ड की धरती को नमन करते हुए आल्हा उदल, महाराज छत्रसाल, लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, रानी दुर्गावती, महर्षी वेदव्यास, वाल्मीकि, गोस्वामी तुलसीदास, मैथिलीशरण गुप्त, वृंदावन लाल वर्मा समेत अनेक विभूतियों को याद किया.

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से दीपावली पर सैनिकों तथा सुरक्षाबलों को शुभकामना संदेश भेजने का एक बार फिर आग्रह किया.