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सदन के सम्मान के लिए इस्तीफा भी दे सकता हूं: आजम खां

azam6लखनऊ। मुजफ्फरनगर दंगे के स्टिंग ऑपरेशन पर शुक्रवार को फिर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। आजम खां ने कहा कि मुजफ्फरनगर में जो स्टिंग दिखाया गया था वह उनका नहीं, बल्कि एक दरोगा का था। आजम ने कहा, ‘मंत्री रहना और एमएलए रहना मेरी मजबूरी नहीं है। इस सदन का सम्मान मेरे लिए बड़ी चीज है। मैं तो बच गया, लेकिन अगर इस पर रोक न लगी तो हो सकता है कि कल को कोई और सदस्य इसकी भेंट चढ़ जाए। फाइल से लेटरहेड निकालते हुए आजम ने कहा कि अगर सदन का एक सदस्य भी मेरी बात से इत्तेफाक नहीं रखता, तो मैं इस्तीफा दे सकता हूं।’

शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष को कथित स्टिंग ऑपरेशन करने वाले निजी चैनल के जिम्मेदार लोगों पर दंड निर्धारित करना था। उन्हें सदन में तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने समय मांग लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें एक हफ्ते का समय दिया है।

उधर, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब पूरा सदन इस मुद्दे पर एक मत है, तो एक बड़े दल का अपने को उससे अलग करना संदेह पैदा करता है। क्या ये संदेश देना चाहते हैं कि स्टिंग इनके इशारे पर हुआ था? इस पर बीजेपी सदस्य ने हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी सदस्य वेल में पहुंच गए और बीएसपी के साथ-साथ सपा, कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को आधे घंटे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। 1.15 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि जांच समिति के लिए सदस्यों के नाम उनसे नहीं मांगे गए थे, सीधे एक सदस्य का नाम चुन लिया गया था। इस पर बीजेपी ने खुद को इस प्रकरण से दूर कर लिया था। खन्ना के इस बयान को स्वामी ने पीठ का अपमान बताया, तो खन्ना ने कहा कि वह पीठ का पूरी तरह सम्मान करते हैं।

शून्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी कि टीवी चैनल के हेड पुनीत जैन की ओर से स्टिंग ऑपरेशन मामले में प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे को एक पत्र मिला है। इसमें उन्होंने तलब किए जाने की सूचना देर से मिलने का जिक्र करते हुए समय और समिति की जांच रिपोर्ट मांगी है। इस पर नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा उनके पास सदन में प्रस्तुत होने का पर्याप्त समय था। इसके बाद भी सदन में पत्र भेजना बहानेबाजी की ओर इशारा करता है। फिर भी न्यायिक प्रक्रिया के तहत उन्हें अंतिम बार समय दिया जाना चाहिए। बीजेपी ने इस पर अपने को अलग रखा, जबकि कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर और आरएलडी नेता दलवीर सिंह ने नेता प्रतिपक्ष के बयान का समर्थन किया।