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अभी भी वह पुलिस की पकड़ से दूर है अमृतपाल सिंह, आईजीपी ने कहा. अफवाहों पर ना दें ध्यान

वारिस पंजाब दे प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब में अभियान जारी है। हालांकि, अभी भी वह पुलिस के पकड़ से दूर है। हालांकि, उसके कुछ समर्थकों के खिलाफ कार्यवाई हुई है। इन सब के बीच पंजाब पुलिस का बड़ा बयान सामने आया है। आईजीपी पंजाब सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। पंजाब पुलिस साफ कह रही है कि गिरफ्तारी अभी बाकी है और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति है, स्थिति स्थिर है। कानून और व्यवस्था की कोई स्थिति नहीं है … ‘वारिस पंजाब दे’ के कुछ तत्वों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की गई, जिनके खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं।

सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अब तक 114 तत्वों ने शांति और सद्भाव को भंग करने का प्रयास किया। उन्हें राउंडअप कर गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि उनमें से 78 को पहले दिन गिरफ्तार किया गया, 34 को दूसरे दिन और दो अन्य को कल रात गिरफ्तार किया गया। 10 हथियार भी बरामद हुए हैं। गिल ने कहा कि अब तक सामने आए तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर हमें आईएसआई के एंगल पर बहुत गहरा संदेह है। उन्होंने कहा कि हमें विदेशी फंडिंग का भी बहुत गहरा संदेह है। हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि आईएसआई शामिल है और विदेशी फंडिंग भी है।

 

आईजीपी पंजाब ने कहा कि जो बुलेटप्रूफ जैकेट और राइफलें बरामद हुई हैं और (अमृतपाल सिंह) के गेट (घर के) पर एकेएफ लिखा हुआ था। उन्होंने बताया कि ‘आनंदपुर खालसा फौज’ नामक एक जत्थबंदी बनाने का प्रयास किया गया था। गिल ने कहा कि चार बंदियों को हिरासत के बाद असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया। वे हैं दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह। एक और बंदी, हरजीत सिंह – अमृतपाल सिंह का चाचा डिब्रूगढ़ के रास्ते में है। उसे वहां ले जाया जा रहा है। पंजाब सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस (संदेश) सेवाओं पर रोक मंगलवार दोपहर तक बढ़ा दी है।