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दुबई में विशाल मंदिर, दर्शन के लिए उमड़ा जन समूह

लोग दुबई शॉपिंग के लिए जाते हैं, बुर्ज खलीफा देखने के लिए जाते हैं लेकिन अब यहां जो भव्य और दिव्य हिंदू मंदिर बना है वह भी दुबई के मुख्य आकर्षणों में शुमार हो गया है। मुस्लिम बाहुल्य दुबई में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जिसमें खासकर हिंदू आबादी को इस मंदिर के बन जाने से बड़ी खुशी हुई है क्योंकि अब तक यहां उनका कोई उपासना स्थल नहीं था। दुबई का हिंदू मंदिर देखने के लिए सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं आ रहे बल्कि पूरे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के हजारों निवासी दर्शन के लिये उमड़ रहे हैं। वैसे इस मंदिर को औपचारिक रूप से आम लोगों के लिए हालांकि पांच अक्टूबर को दशहरे के दिन खोला जाएगा लेकिन फिलहाल लोगों को स्लॉट बुक कराके मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। हम आपको बता दें कि भले यह हिंदू मंदिर हो लेकिन यहां सभी धर्मों के लोगों का स्वागत है। यहां स्थापित 16 देवताओं की मूर्तियां देखने और मंदिर की भव्य साज सज्जा को अपने कैमरे में कैद करने के लिए बड़ी संख्या में उपासक और आगंतुक आ रहे हैं।

मंदिर अंदर से काफी खूबसूरत है और इसकी खूबसूरती देखती ही बनती है। मंदिर के मुख्य हॉल में भगवान की मूर्तियां स्थापित की गयी हैं और यहां एक बड़ा सा 3डी प्रिंटेड गुलाबी कमल है जो पूरे गुंबद को काफी खूबसूरत बना रहा है। हम आपको बता दें कि यह हिंदू मंदिर ‘पूजा गांव’ के रूप में पहचाने जाने वाले मशहूर जबेल अली में स्थित है। इस जगह कई चर्च और गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा भी स्थित है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर 7853 गज में फैला हुआ है और किसी भी मुस्लिम देश में अब तक का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।

उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रबंधन ने हाल ही में अपनी वेबसाइट के माध्यम से क्यूआर-कोड आधारित बुकिंग प्रणाली चालू करने के साथ एक सितंबर को मंदिर का ‘अनौपचारिक’ (सॉफ्ट) उद्घाटन किया था। मंदिर में पहले दिन से ही और विशेष रूप से सप्ताहांत में बड़ी संख्या में आगंतुक आ रहे हैं। फिलहाल भीड़ प्रबंधन और सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर-कोड के माध्यम से सीमित प्रवेश दिया जा रहा है। हम आपको बता दें कि यह मंदिर सुबह साढ़े छह बजे से रात आठ बजे तक खुला रहता है। यहां आने के लिए लोग इतने उतावले हैं कि अक्टूबर के अंत तक सप्ताहांत के लिए अधिकांश बुकिंग पहले ही हो चुकी है। बताया जा रहा है कि बुकिंग प्रणाली अक्टूबर के अंत तक जारी रहेगी। उसके बाद आम जनता मंदिर के खुलने के समय में किसी भी वक्त दर्शन करने के लिए स्वतंत्र होगी। फिलहाल कई लोग ऐसे भी देखे जा रहे हैं जो बुकिंग नहीं होने के चलते अंदर नहीं जा पा रहे हैं तो बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं। मंदिर प्रबंधन ने लोगों से गुजारिश की है कि वह मंदिर आने के लिए सार्वजनिक परिवहन के साधनों का उपयोग करें क्योंकि निजी वाहनों में आने से ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

हम आपको यह भी बता दें कि वर्तमान में मंदिर में एकमात्र गतिविधि वैदिक श्लोकों के जप की हो रही है, जिसके लिये 14 पंडितों का एक समूह विशेष रूप से भारत से आया है। यह जप हर दिन सुबह साढ़े सात बजे से 11 बजे तक और फिर दोपहर साढ़े तीन बजे से रात साढ़े आठ बजे तक होता है। आगंतुकों को यहां हो रहे मंत्रोच्चार में भाग लेने की अनुमति है।