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लखनऊः चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में हुआ दिल दहाने वाला हादसा, ऑक्सीजन भरे सिलिंडर ब्लास्ट होने से डाला चालक के चिथड़े उड़े, सड़क से बटोरे अंग, दीवारों पर चिपक गए मांस के लोथड़े

लखनऊ लखनऊ के बालागंज चौराहे के पास जेपीएस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बाहर ऑक्सीजन भरे सिलिंडर में ब्लास्ट हो गया। डाला से उतारते वक्त सिलिंडर के जमीन पर गिरने से हुए हादसे में गैस एजेंसी के डाला चालक की चीथड़े उड़ने से मौत हो गई। उसका एक हाथ, पैर, पंजा और अंगुलियां कटकर अलग हो गईं। एजेंसी के कर्मचारी का शरीर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

लखनऊ के बालागंज चौराहे के पास जेपीएस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बाहर बृहस्पतिवार दोपहर ऑक्सीजन सिलिंडर में ब्लास्ट के बाद खून से सने आरिफ और शोभित को देखने वालों की रूह कांप उठी। दोनों के मांस के लोथड़े आसपास की दीवारों पर भी चिपक गए थे।

 

हादसे में दोनों के शरीर क्षतविक्षत हो गए। खासकर कमरे से नीचे का हिस्सा। इनकी हालत देख लोग चाहकर भी हाथ नहीं लगा पा रहे थे। करीब 50 मीटर तक फैला खून, कटे-फटे अंग देखकर लोग दहशत में आ गए। हालत यह थी कि सड़क से अंगों को बटोरना पड़ा।

आरिफ के लिए पानी लेने गया था भाई
आरिफ का भाई तारिक जेपीएस अस्पताल में गार्ड है। जब वह सिलिंडर लेकर पहुंचा तो तारिक गेट पर ही था। आरिफ सिलिंडर उतारने लगा तो तारिक उसके लिए पानी लेने अस्पताल के अंदर चला गया। इसी दौरान धमाका हुआ। तारिक दौड़कर बाहर आया तो देखा आरिफ खून से सना पड़ा है। उसके क्षतविक्षत अंग देख वह सदमे में आ गया। फिर अस्पताल में आरिफ की सांसें थम गईं।

लाश देखते ही दहल गया दिल
घटना की जानकारी पर आरिफ की पत्नी शमा, सात साल की बेटी शिफा और छह साल का बेटा अनस अस्पताल पहुंचे। आरिफ का शव देख उनका दिल दहल गया। उधर, शोभित के परिजन भी बालामऊ से पहुंचे। वह उसकी जिंदगी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

ऑक्सीजन सिलिंडर में ब्लास्ट, चालक के चीथड़े उड़े, मौत
आपको बता दें कि बालागंज चौराहे के पास जेपीएस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बाहर बृहस्पतिवार दोपहर ऑक्सीजन भरे सिलिंडर में ब्लास्ट हो गया। डाला से उतारते वक्त सिलिंडर के जमीन पर गिरने से हुए हादसे में गैस एजेंसी के डाला चालक के चीथड़े उड़ गए। उसका एक हाथ, पैर, पंजा और अंगुलियां कटकर अलग हो गईं। एजेंसी के कर्मचारी का शरीर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

पुलिस ने मेडिकल टीम की मदद से किसी तरह दोनों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां चालक की मौत हो गई। कर्मचारी का इलाज जारी है। उसकी हालत बेहद नाजुक है। न्यू फरीदीपुर में संजय श्रीवास्तव का एलाइड इंटरप्राइजेज के नाम से ऑक्सीजन प्लांट है। पुलिस के मुताबिक यहां से जेपीएस हॉस्पिटल को रोजाना एक दर्जन ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई होते हैं।

बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे कंपनी का डाला चालक फत्तेपुर मवई रहीमाबाद निवासी आरिफ (30) और कर्मचारी शोभित पटेल सिलिंडर लेकर पहुंचे। अस्पताल के गेट के बाहर डाला खड़ा कर दोनों सिलिंडर उतारने लगे। एक सिलिंडर भीतर पहुंचाने के बाद दूसरा उठाते वक्त सिंलिडर हाथ से छूटकर नीचे जा गिरा और तेज धमाके के साथ फट गया।

आरिफ और शोभित 15-20 फीट उछलने के बाद जमीन पर जा गिरे। दोनों के शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह क्षतिगस्त हो गया। आरिफ का एक हाथ अलग हो गया। सड़क किनारे भरा पानी खून से लाल हो गया। ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराए जाने के चंद मिनट बाद आरिफ की मौत हो गई।

शोभित का आईसीयू में इलाज चल रहा है। मूलरूप से हरदोई के बालामऊ का शोभित यहां काकोरी के नरैना गांव में बहन रश्मि के घर रह रहा है। अंदेशा है कि सिलिंडर कमजोर था और उसमें क्षमता से अधिक ऑक्सीजन भर दी गई। डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि जांच कर ब्लास्ट की असल वजह पता करने का प्रयास किया जा रहा है।

गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं, खिड़कियों के शीशे टूटे
हादसे के वक्त वहां से गुजर रही कार पर सिलिंडर का एक हिस्सा गिर गया। इससे कार क्षतिग्रस्त हो गई। पास में खड़ी दूसरी कार के शीशे टूट गए। अस्पताल का बोर्ड और खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। धमाका सुनकर सैकड़ों लोग जुट गए। कुछ देर तक तो किसी को समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या।

सिलिंडर में खामी हो सकती है विस्फोट की वजह
विस्फोट की वजह सिलिंडर में खामी हो सकती है। ऑक्सीजन का प्रेशर बहुत ज्यादा होता है। इसकी भी आशंका है कि सिलिंडर की नोजल में समस्या हो। सिलिंडर उतारते समय आमतौर पर इसे ही पकड़ा जाता है।
-प्रो. अनिल मिश्रा, विभागाध्यक्ष केमिस्ट्री विभाग, लविवि

शिकायत आएगी तो कराएंगे जांच
घटना को लेकर कोई शिकायत आती है तो हम जांच कराएंगे। अस्पताल सरकारी रिकॉर्ड में पंजीकृत है।
-डॉ. एपी सिंह, एसीएमओ

नोजल के बल सिलिंडर गिरने से हादसा
जब भी सिलिंडर में ऑक्सीजन भरी जाती है उससे पहले उसकी जांच की जाती है। शुरुआत पड़ताल में यह पता चला है कि जिस समय सिलिंडर उतारा जा रहा था तो असावधानीवश उसे नोजल की तरफ से लिया गया। सिलिंडर उतारने के दौरान वह नीचे नोजल के बल गिर गया। सिलिंडर की नोजल इतनी मजबूत नहीं होती है। इसकी वजह से सिलिंडर में ब्लास्ट हो गया।