Breaking News

भाजपा.जेडीएस के बीच बड़ा समझौता! लोकसभा चुनाव के लिए 4 सीटों देने पर बनी सहमति

नई दिल्ली जेडीएस के विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक से दूर रहने के बाद ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह पार्टी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ जा सकती है।

कर्नाटक में भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) के बीच बड़े समझौते की खबर सामने आ रही है। पार्टी के नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने एलान किया है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस को चार सीटें देने पर सहमति जता दी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने इशके लिए हामी भर दी है।

गौरतलब है कि जेडीएस के विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक से दूर रहने के बाद ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह पार्टी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ जा सकती है।

अभी क्या है कर्नाटक में लोकसभा सीटों की स्थिति?
फिलहाल राज्य में भाजपा और जेडीएस के सियासी ताकत की बात करें तो जेडीएस के मुकाबले भाजपा काफी आगे दिखती है। राज्य में 28 लोकसभा सीटों में से सबसे ज्यादा 25 सीटें भाजपा के पास हैं। इसके अलावा एक-एक सांसद कांग्रेस-जेडीएस और एक जेडीएस समर्थक निर्दलीय सांसद है।

भाजपा-जेडीएस गठबंधन होने से फायदा किसका?
जब कर्नाटक की बात आती है तो जेडीएस के साथ बीजेपी के रिश्ते को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं।  कुछ विश्लेषकों का मानना है कि एक साथ जाने से दोनों पार्टियों को मदद मिलेगी, दूसरों का कहना है कि भाजपा के लिए संभावित मामूली लाभ गठबंधन के लायक नहीं हो सकता है। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन की ओर इशारा किया जाता है, जब दोनों पार्टियां केवल एक-एक सीट ही जीत सकीं।

अब भाजपा-जेडीएस गठबंधन पर बातचीत के साथ एक सवाल यह है कि क्या दोनों पार्टियां एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर कर सकती हैं। हाल के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर 36 फीसदी और जेडीएस का 14 फीसदी था, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में अकेले बीजेपी को 52 फीसदी वोट मिले थे। जेडीएस को जहां बीजेपी की जरूरत है, वहीं इसको क्षेत्रीय पार्टी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।

लोकसभा चुनाव में जेडीएस को साथ लेने के लिए बीजेपी की ओर से गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। सतही तौर पर यह एक अच्छा समीकरण दिखता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कई बड़े मुद्दे हैं, जिन्हें सुलझाना बाकी है। लोकसभा चुनाव से पहले बीबीएमपी और जिला पंचायत चुनाव हैं। कोई भी गठजोड़ को इन दो चुनावों में कमाल दिखाना होगा और गठबंधन के काम करने के लिए दोनों पार्टियों के बीच की केमिस्ट्री भी होनी चाहिए।