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अमृतपाल सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का करीबी है, विदेशों में बैठे आतंकी समूह से भी है काफी गहरे रिश्ते

चंडीगढ़ अमृतपाल सिंह की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं। सूत्रों से पता चला है कि जब अमृतपाल दुबई में ट्रांसपोर्ट का काम कर रहा था, तब वह रोडे के भाई जसवंत के संपर्क में था। उसी समय उसकी आईएसआई से घनिष्ठता हुई।

अमृतपाल सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का करीबी है। साथ ही उसके विदेशों में बैठे आतंकी समूह से भी रिश्ते काफी गहरे हैं। सूत्रों के मुताबिक यह बात सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आई है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट हो गई हैं।

साथ ही उससे जुड़ी हर चीज पर काफी करीबी से जांच की जा रही है। यहां तक उसके बैंक खातों से लेकर सभी लिंक की जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक वह यूके में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी अवतार सिंह खंडा का करीबी सहयोगी है।

वहीं, प्रतिबंधित बब्बर खालसा इंटरनेशनल के नेता परमजीत सिंह पम्मा से भी उसके रिश्ते काफी अच्छे हैं। वह सिख युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए सैद्धांतिक प्रशिक्षण देता है। इसके अलावा वह इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे का भी करीबी है।

यह तीन आतंकी पंजाब के माहौल को खराब करने में लगे हुए हैं। सूत्रों से पता चला है कि जब अमृतपाल दुबई में ट्रांसपोर्ट का काम कर रहा था, तब वह रोडे के भाई जसवंत के संपर्क में था। उसी समय उसकी आईएसआई से घनिष्ठता हुई।

माना जाता है कि आईएसआई के एजेंटों ने उसे निर्दोष युवा सिखों को धर्म के नाम पर प्रेरित करने के लिए कहा था। आईएसआई के कहने पर अमृतपाल सिंह पिछले साल अगस्त में भारत आया था। साथ ही वारिस पंजाब दे की कमान संभाली।
12वीं नहीं हुई पास तो चाचा के पास भेज दिया गया था दुबई
अमृतसर के गांव जल्लूपुर खेड़ा निवासी अमृतपाल सिंह गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ता था। जब 12वीं कक्षा पास नहीं हो पाई तो वह 2015 में अपने चाचा के पास दुबई चला गया। अमृतपाल का चाचा दुबई में ट्रक ट्रांसपोर्ट का काम करता था। अमृतपाल भी इसी काम में जुट गया।

अमृतपाल सिंह पंजाब आने से पहले गायक और अदाकार दीप सिंद्धू की ओर से गठित की वारिस पंजाब दा जत्थेबंदी के लोगों से ऑनलाइन संपर्क में आया था। किसान आंदोलन के जत्थेबंदी की गतिविधियों को अमृतपाल ऑनलाइन चलाता रहा। इसके चलते वह दीप सिद्धू के साथ संपर्क में आ गया।
दीप सिद्धू ने 30 सितंबर, 2021 को इस संगठन की नींव रखी थी। किसान आंदोलन और उसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किला हिंसा मामले में दीप सिद्धू का नाम आया। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से पंजाब लौटते वक्त सोनीपत के पास एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी।