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वेस्टर्न रेलवे का फैसला, फिर से बंद होंगे लोकल के दरवाजे

localtrainमुंबई। वेस्टर्न रेलवे ने एक बार फिर बंद दरवाजे की लोकल चलाने का फैसला किया है। इससे ऑटोमैटिक डोर क्लोजर से यात्रियों का फुटबोर्ड पर यात्रा करना, पोल से टकराकर गिर जाने जैसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा। मार्च, 2015 में एक रेट्रोफिटेड कोच में ऑटोमैटिक डोर क्लोजर लगाकर परीक्षण किया गया था।

वेस्टर्न रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘पहले डोर क्लोजर लेडिज कंपार्टमेंट के फर्स्टक्लास कोच में लगाया गया था। उस वक्त दो दरवाजे लगाए गए थे। इसके बाद तीन कोच में 22 दरवाजे लगाने की योजना है।’

पहला परीक्षण हुआ था फेल

इससे पहले लगाए गए डोर क्लोजर वाले कोच को परीक्षण के कुछ ही दिनों में सर्विस से हटाना पड़ा था क्योंकि कई बार दरवाजा स्वत: बंद होने के दौरान अटक रहा था। अधिकारी के अनुसार, ‘पिछले परीक्षण से हमने काफी कुछ सीखा है। हमने पिछले डोर क्लोजर की त्रुटियों को नोट कर नए तरीके से काम शुरू किया है। इसके लिए अब कॉन्ट्रैक्ट दिया जा चुका है और आशा है कि 6 महीनों के अंदर डोर क्लोजर वाली सर्विस ट्रैक पर होगी।’

तीन रेट्रोफिटेड कोच की कीमत तकरीबन 90 लाख रुपये है। वेस्टर्न रेलवे इस परीक्षण को एमयूटीपी-2 के तहत करने वाली है।

मोटरमैन के हाथ में होगा कंट्रोल

वेस्टर्न रेलवे ने डोर क्लोजर कोच में बेहतर वेंटिलेशन की योजना भी बनाई है। इस नए सिस्टम में डोर क्लोजर का कंट्रोल गार्ड या मोटरमैन के हाथ में होगा। योजना के अनुसार स्टेशन पर 30 सेकंड का वक्त दिया जाएगा।

इस नए परीक्षण से तस्वीर साफ हो जाएगी क्योंकि तीन कोच होने के कारण ज्यादा लोग ट्रेन में चढ़ेंगे-उतरेंगे। इससे डोर क्लोजर की गुणवत्ता का भी पता चलेगा। इसके अलावा जिन कोच में डोर क्लोजर लगाया जाएगा, उसके वेंटिलेशन का भी पता चल जाएगा। पहले केवल फर्स्टक्लास लेडिज कोच में डोर क्लोजर लगाया गया था जहां तुलनात्मक रूप से यात्रियों का घनत्व कम होता है।

नए सिस्टम की खासियत

इस सिस्टम में ट्रेन का ब्रेकिंग सिस्टम भी दरवाजे के बंद होने और खुलने से कनेक्टेड होगा। ऑटोमैटिक डोर क्लोजर में सेंसर तकनीक होगी। जैसे ही दरवाजा बंद होगा, ब्रेक रिलीज करने के लिए करंट प्रवाहित होगा। जब तक ब्रेक रिलीज नहीं होंगे ट्रेन नहीं चलेगी। ये काम तब तक नहीं होगा जब तक सभी यात्री व्यवस्थित न हो जाएं। इस नई तकनीक का सफल परीक्षण हो चुका है, अब इसे कोच में लगाना बाकी है।