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‘मराठा क्रांति’ को लेकर दबाव में फडणवीस सरकार

marathaमुंबई। मराठा समाज के मूक क्रांति आंदोलन में लगातार बढ़ती भीड़ ने बीजेपी सरकार के होश उड़ा दिए हैं। सरकार आंदोलनकारियों से बात करना चाहती है लेकिन उसे नहीं पता कि वह बात किससे करे, क्योंकि आंदोलन का नेतृत्व करने वाला कोई चेहरा सामने ही नहीं आ रहा है। उधर बीजेपी का दिल्ली हाईकमान फडणवीस सरकार पर दबाव बना रहा है कि किसी भी तरह से मामला शांत किया जाए। वर्ना गुजरात, राजस्थान, हरियाणा की तरह बीजेपी शासित महाराष्ट्र में भी माहौल बिगड़ सकता है।

कोपर्डी बलात्कार की घटना के बाद मराठा समाज के लोगों ने इस तरह का मूक क्रांति मोर्चा शुरू किया था। पूरी तरह से सोशल मीडिया के माध्यम से चलने जाने वाले इस आंदोलन में न तो कोई नारेबाजी होती है और न ही मंच लगाया जाता है। भाषण भी नहीं दिए जाते, यहां तक कि बैनर पोस्टर भी किसी को लाने की अनुमति नहीं है। आयोजक जिसे जो देते हैं आंदोलनकारी वही लेकर चलते हैं। लोग बड़े ही अनुशासित तरीके से कतारबद्ध होकर चलते हैं। अंत में पहले से तय कुछ चुनिंदा लोग जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हैं और सभी अपने-अपने घर चले जाते हैं।

मराठा समाज के लोग सभी राजनीतिक मतभेद भुलाकर इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं। शुक्रवार को अहमदनगर के आंदोलन में कांग्रेस नेता व विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील भी शामिल हुए। इससे पहले नांदेड के आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, अकोला में गृह राज्य मंत्री डॉ. रणजीत पाटील के अलावा सरकार में शामिल कई मंत्री भी आंदोलन में भाग ले चुके हैं।

मराठा समाज का पहला आंदोलन 9 अगस्त को औरंगाबाद में हुआ जिसे उम्मीद से कहीं ज्यादा सफलता मिली। उसके बाद, उस्मानाबाद, जलगांव, बीड में आंदोलन किया गया, लेकिन मीडिया ने आंदोलन को तवज्जो नहीं दी। दिल्ली ने तो आंदोलन के प्रति जैसे आंखे मूंद लीं। हालांकि राज्य स्तर पर शरद पवार ने आंदोलन की खबर ली, लेकिन राज्य के अन्य राजनीतिक दलों ने इसे महत्व नहीं दिया। परंतु परभणी, हिंगोली, नांदेड़, जालना, अकोला, लातूर, नवी मुंबई, सोलापूर के आंदोलन में उमड़ी भीड़ ने सभी राजनीतिक दलों के कान खड़े कर दिए।

शुक्रवार को अहमदनगर में निकाले गए मोर्चे की भीड़ ने अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अहमदनगर के जिस भी कोने में चलें वहां पर आंदोलनकारी ही आंदोलनकारी दिखाई दिए। पूरा शहर ही आंदोलनकारियों से भर गया। मराठा क्रांति मोर्चा की बुनियाद इसी जिले में कोपर्डी बलात्कार घटना के कारण पड़ी। शुक्रवार को आंदोलन में वह परिवार भी शामिल हुआ जिसके घर की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था। आंदोलन में आए कई लोगों ने काले कपड़े पहन रखे थे। कुछ लोगों ने हाथ में भगवा झंडा ले रखा था, कुछ ने लिखित तख्तियां ले रखी थीं। यहां का वाडिया पार्क पूरा तरह से भगवामय हो गया था।

अगला आंदोलन

मराठा क्रांति आंदोलन का अगला पड़ाव शनिवार को नाशिक में होगा। उसके बाद पुणे और वाशिम में 25 सितंबर, बुलडाणा व नंदुरबार में 26 सितंबर, सांगली में 27 सितंबर, धुले में 28 सितंबर, बारामती में 29 सितंबर और सातारा में 3 अक्टूबर को आंदोलन की तारीख तय की गई है।