लखनऊ। बीएसपी से निष्कासित नसीमुद्दीन सिद्दकी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। नसीमुद्दीन सिद्दकी के सनसनीखेज आरोपों के बाद यूपी की सियासत गरमा गई है। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कम सीटें मिलने पर उन्होंने दाढ़ी वाले मुसलमानों को कुत्ता कहा था। इतना ही नहीं उन पर दूसरी जाति के लोगों के लिए भी अपशब्दों के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। नसीमुद्दीन सिद्दकी ने आरोप लगाया कि मायावती ने उनसे भी पचास करोड़ रुपए नकद की मांग की थी। उनका कहना है कि उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वो सभी पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार हैं।
दरसअल, अभी बुधवार को ही बीएसपी ने नसीमुद्दीन सिद्दकी और उनके बेटे अफताब सिद्दकी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। बीएसपी नेता सतीश मिश्रा ने उन पर अवैध बूचड़खाना चलाने और पार्टी में अवैध उगाही के आरोप लगाए थे। इसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दकी ने भी मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि वो उनके सारे फरेब का खुलासा करेंगे। सिद्दकी का कहना है कि यूपी इलेक्शन के बाद मायावती ने उन्हें बुलाया था। उस वक्त उनका बेटा भी उनके साथ था। ये मुलाकात दिल्ली में हुई थी। उन्होंने कहा मायावती ने मुझसे पूछा कि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिया। मैंने बताया जब तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन नहीं हुआ था तब मुसलमान ज्यादा था। लेकिन, बाद में मुसलमान बंट गया। कंफ्यूज हो गया।
लेकिन, उन्होंने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं। ये बात मायावती ने 19 अप्रैल को बीएसपी आफिस में कई लोगों के सामने कही थी। हमने 1993 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया। साल 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया। उन्होंने कहा मुझे गुमराह कर रहे हो तुम। सिद्दकी ने बताया कि मायावती उन्हें उल्टा सीधा कहने लगी। सिद्दकी ने दावा किया कि उन्होंने मुसलमानों को गद्दार कहा। दाढ़ी वाले मुसलमानों को कुत्ता कहा। उन्होंने बताया कि यहां पर मायावती ने हर जाति धर्म के लोगों को भला बुरा कहा। 19 अप्रैल के भाषण में मायावती ने कांशीराम को भी नीचा दिखाने की कोशिश की। तब उन्होंने कहा था कि साल 2002 में कांशीराम यूपी का सारा पैसा लेकर पंजाब में चुनाव लड़ने चले गए थे।
बकौल नसीमुद्दीन सिद्दकी मायावती ने कहा कि यूपी में हमें सिर्फ सौ सीटें मिली जबकि कांशीराम पंजाब में खाता भी नहीं खोल पाए। उन्होंने कहा कि मायावती को जिन्होंने राजनीति सिखाई उन्होंने उसे ही नीचा दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैंने मायावती को समझाया था कि आप घोषणापत्र जारी करो। उन्होंने सिर्फ 55 सभाएं की। जबकि दूसरे दलों ने यूपी इलेक्शन में ढाई सौ से लेकर तीन सौ तक सभाओं का आयोजन किया। उन्होंने किसी प्रत्याशी के लिए वोट नहीं मांगा। उन्होंने बताया कि मायावती के यहां हर किसी की तलाशी होती है। इन्हीं सब बातों से वो नाराज थीं। नसीमुद्दीन सिद्दकी ने कहा कि एक दिन मायावती ने मुझे बुलाया और कहा कि पार्टी को पैसों की जरुरत है। आपको पचास करोड़ रुपए के इंतजाम करना होगा। इसके लिए चाहें प्रॉपर्टी ही क्यों ना बेंचो।