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मध्य प्रदेश चुनाव : कांग्रेस और बीएसपी के बीच अंदर ही अंदर ‘डील’ पक्की

भोपाल। मध्य प्रदेशमें इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर जुगत भिड़ा रही है. दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला भी शुरू हो गया है और संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव कांग्रेस-बीएसपी साथ मिलकर लड़ेगी. दरअअसल इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. कांग्रेस को अभी तक छोटी पार्टियों के बीच हमेशा दबंग की छवि की तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन अब राष्ट्रीय राजनीति में उसको खुद की भूमिका बदलने के लिये मजबूर होना पड़ा है. कर्नाटक इसका सबसे बड़ा उदाहरण रहा है. जहां पहले तो उसने जेडीएस को समर्थन देकर उसकी सरकार बनवाई फिर वित्त मंत्रालय के झगड़े को खत्म करते हुये उसे भी जेडीएस को ही सौंप दिया.

मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि उसका समझौता बीएसपी के साथ हो जाए. उत्तर प्रदेश में पिछले 20 सालों में कुल वोटों में से 7 फीसदी का औसत दलितों का रहा है. कांग्रेस को लगता है कि अगर उसके 36 फीसदी वोटों में ये 7 फीसदी भी जुड़ जाएं तो विपक्ष के पास अच्छी-खासी ताकत हो सकती है जो बीजेपी के 45 फीसदी वोट का सामना कर सकती है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लगता है कि इस बार शिवराज सिंह चौहान इस बार सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं और कुछ वोटों का प्रतिशत ही उनको सत्ता से बाहर कर देगा, अगर विपक्ष कोई बड़ी गलती नहीं करता है. एनडीटीवी के सूत्रों के मुताबिक बीएसपी भी कांग्रेस के साथ मध्य प्रदेश में ही नहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गठबंधन करने के मूड में दिखाई दे रही है. बीएएसपी का छत्तीसगढ़ में 5 और राजस्थान में 4 फीसदी वोटबैंक रहा है. कांग्रेस तो अब सिर्फ सीटों पर ही नहीं बल्कि उन सीटों पर भी समझौता करने को राजी है जहां पर सहयोगी दल का उम्मीदवार जीतने की स्थिति में है.