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पीएम की डेरा ब्यास प्रमुख से मुलाकात के बाद राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म

चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ) के जालंधर दौरे से ठीक एक दिन पहले रविवार को पंजाब के सबसे बड़े डेरे राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने दिल्ली में उनके (मोदी) साथ मुलाकात की। इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं छेड़ दी हैं। हालांकि डेरा ब्यास चुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करता लेकिन डेरा प्रमुख के प्रधानमंत्री से मिलने के बाद राजनीतिक चर्चा छिड़ना लाजमी है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर डेरा ब्यास प्रमुख से हुई मुलाकात की तस्वीर शेयर की है। आमतौर पर डेरा सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता से मिलने नहीं जाते।
सभी राजनीतिक हस्तियां समय-समय पर या चुनाव से पहले उनका आशीर्वाद लेने के लिए डेरा ब्यास पहुंचती हैं। परंतु यह पहला मौका है जब डेरा प्रमुख ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की हो। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री 18 मार्च को चुनाव प्रचार समाप्त होने से पहले पंजाब में तीन रैलियां कर रहे हैं। सोमवार को वह जालंधर में रैली करेंगे और उसके बाद पठानकोट में 16 फरवरी व अबोहर में 17 फरवरी को रैलियां करेंगे। ऐसे में इन रैलियों से पहले यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारतीय जनता पार्टी पहली बार अपने दम पर पंजाब की 73 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है।

भाजपा गठबंधन को मिल सकता है मुलाकात का लाभ

कांग्रेस से अलग हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी और शिरोमणि अकाली दल से अलग हुए सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ भाजपा ने इस चुनाव में गठबंधन किया है। राजनीति के जानकारों के अनुसार निश्चित रूप से इस मुलाकात का लाभ भाजपा गठबंधन को मिल सकता है। डेरा ब्यास का प्रभाव पंजाब के सभी वर्गाें पर है। इसलिए माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ हुई डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों की मुलाकात के बाद उनके अनुयायी भाजपा को समर्थन दे सकते हैं।

गुरमीत राम रहीम को भी जेल से 21 दिन की मिली है फरलो

उल्लेखनीय है कि इससे पहले डेरा सच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम को भी जेल से 21 दिन की फरलो मिली हुई है। जिसके बाद यह चर्चा छिड़ गई थी कि मालवा में भाजपा गठबंधन को उन सभी सीटों पर लाभ मिल सकता है जहां पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव है। हालांकि अभी डेरा सच्चा सौदा द्वारा किसी भी राजनीतिक पार्टी के समर्थन की घोषणा नहीं की गई है।