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पिता, पुत्र और चाचा के शामिल ड्रामें से उ0प्र0 की जनता को भ्रमित नहीं कर सकते – केशव प्रसाद मौर्य 

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने सपा कुनबे के फैमिली ड्रामें और सपा-कांग्रेस के ठगबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि फैमिली ड्रामें की पटकथा के अनुसार पिता, पुत्र और चाचा ने सपा सरकार की नाकामी से प्रदेश में व्याप्त अराजकता, दंगे, बलात्कार, लूट, हत्याएं, जबरिया कब्जे के कलंक पर पर्दा डालने तथा जनता को भ्रमित करने के लिए बेहतरीन अदाकारी की है। सपा की झण्डाबरदारी में हुआ जवाहरबाग काण्ड हो या सपा के संरक्षण में पूरे पांच साल अपराधियों द्वारा प्रदेश में अराजकता का तांडव या सरेआम बलात्कारों से महिलाओं की अस्मिता को तार-तार किया गया हो, या फिर प्रदेश में अपराधियों द्वारा पुलिसकर्मियो की श्रखंलावद्ध हत्याओं का दौर रहा हो, यह कलंक सपा के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के माथे से हटने वाले नहीं है।
श्री मौर्य ने कहा कि भारतीय इतिहास के सबसे असफल और अक्षम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नाकामियों पर से जनता का ध्यान हटाने के लिए मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के कूट रचित ड्रामें से जनता भ्रमित होने वाली नहीं है। प्रदेश में हर दिन होने वाले 24 बलात्कार, 21 बलात्कार के प्रयास, 13 हत्यायें, 33 किडनेपिंग, 19 दंगे, 136 चोरियों के समाचार पत्रों में प्रकाशित आकड़े सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की प्रशासनिक क्षमता का रिपोर्ट कार्ड पेश करते है। परिवार के झगड़े का ड्रामा लेकर प्रदेश की जनता को त्रस्त और पस्त करने से क्या उ0प्र0 की जनता उनकी सरकार की नाकामियों को भूल जायेगी ? इस ड्रामें के मंचन के पूरे दौरदौरे में शासन प्रशासन जिस तरह से पंगु रहा, सत्ता की मर्यादाएं सड़कों पर लांछित होती रही इसका जबाव अखिलेश यादव को देना होगा।
श्री मौर्य ने सपा-कांग्रेस के होने वाले ठगबंधन पर कहा कि सपा और कांग्रेस को जबाब देना होगा कि जब कांग्रेस और सपा को गठबंधन करना ही था तो चार महीने से एक दूसरे की खिलाफ नूराकुश्ती की जरूरत क्या थी। एक दूसरे से अच्छा लड़के कहने पर भड़के दोनों लड़के एक साथ कैसे हो गये। क्या इसके पीछे की सौदेबाजी कुशासन के ऐजेण्डे पर बढ़ावा है ? अखिलेश यादव को पांच साल पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने के बाद भी खुद पर विश्वास क्यों नहीं है ? राहुल गांधी को जबाब देना होगा कि यूपी को बेहाल करने वालों के साथ गठबंधन के पीछे का मंतव्य क्या है।
श्री मौर्य ने कहा कि वंशवाद के टूटते तिलस्म की छटपटाहट में तीनों युवराजों को ठगबंधन के लिए विवश होना पड़ा है। 2014 के चुनाव में प्रदेश की जनता ने वंशवाद की राजनीति को हासिए पर ढकेल दिया था। भाजपा को 337 विधानसभा सीटों पर जीत का आर्शीवाद दिया था। सपा कांग्रेस के गठबंधन को जनता जानती है कि यह अवसरवादिता का गठजोड़ है। प्रदेश की सम्मानित जनता वंशवाद के विरूद्ध 2014 के जनादेश की पुनरावृत्ति को तैयार है।