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जेडीयू ने योग दिवस से किया किनारा तो बीजेपी बोली, ‘शामिल होते तो बल मिलता’

पटना। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर बिहार में जेडीयू ने योग के कार्यक्रम से खुद को दूर रखा. इसके बाद से बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमारसमेत जेडीयू के नेता और मंत्री सरकारी कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए. हालांकि जेडीयू ने पहले ही कहा था कि योग लोगों की अपनी व्यक्तिगत चाहत होती है. योग घर में भी होता है इसे प्रचारित कर करने की जरूरत नहीं होती.

वहीं, योग दिवस पर जेडीयू के शामिल नहीं होने पर बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर ने कहा कि जेडीयू को शामिल होना चाहिए थे. योग किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं है. जेडीयू के साथ आने से योग दिवस को और भी बल मिलता.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के योग कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सफाई देते हुए कहा, “जरूरी नहीं है कि लोग योगस्थल पर आकर योग करें.” उन्होंने कहा, “आज 190 देशों में लोग योग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश भी घर में योग करते हैं और योग के कार्यक्रम स्थल पर उनके शामिल होने को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.”

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि योग को किसी सहभागिता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. योग तो कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है. लोग तो अपने घर में भी योग करते हैं. सार्वजनिक रूप से योग नहीं करने का यह मतलब तो नहीं है कि हम लोगों को योग से परहेज है.

बतादें कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर गुरुवार को बिहार के कई स्थानों पर योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के नेताओं ने तो बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया लेकिन जनता दल (युनाइटेड) ने इन कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी. बिहार के पटना स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स मैदान में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित ‘सामूहिक योगाभ्यास’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया लेकिन उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए.

इस कार्यक्रम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी शामिल रहे. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और रामकृपाल यादव ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की और योगाभ्यास किया.