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जाने किस वजह से कंगना की जा सकती है संसद सदस्यता

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंडी से भाजपा की लोकसभा सांसद कंगना रनौत को उनके चुनाव में जीत को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में बुधवार को नोटिस जारी किया। किन्नौर निवासी लायक राम नेगी द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि उनके नामांकन पत्र को गलत तरीके से खारिज कर दिया गया, जिससे उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने से रोक दिया गया।

उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने रनौत को 21 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। वन विभाग के पूर्व कर्मचारी नेगी का दावा है कि उन्हें गलत तरीके से चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा गया।

 

उनका आरोप है कि हालांकि उन्होंने अपने विभाग से “अदेयता प्रमाण पत्र” और अपने नामांकन पत्र प्रस्तुत किए, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी-मंडी के उप आयुक्त-ने बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों से अतिरिक्त मंजूरी का अनुरोध किया। इन सभी अनुरोधों का अनुपालन करने के बाद भी, उनके नामांकन पत्र को अंततः खारिज कर दिया गया।

अपनी याचिका में नेगी ने तर्क दिया कि यदि उनका नामांकन स्वीकार कर लिया गया होता, तो वे चुनाव में विजयी हो सकते थे। उन्होंने नामांकन प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के आधार पर रनौत के चुनाव को रद्द करने के लिए अदालत से गुहार लगाई है। कानूनी कार्यवाही जारी रहने के कारण अब मामला रनौत के जवाब का इंतजार कर रहा है।

हाल ही में हुए चुनावों में रनौत ने मंडी निर्वाचन क्षेत्र से अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की। ​​रनौत को कुल 537,002 वोट मिले, जबकि सिंह को 462,267 वोट मिले।