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जम्मू-कश्मीर में भी लागू होगा बच्चियों से रेप पर फांसी का कानून

जम्मू। कठुआ और उन्नाव जैसी रेप की जघन्य घटनाओं के बाद POCSO एक्ट में संशोधन किया गया है. केंद्र सरकार ने इस बाबत अध्यादेश भी जारी कर दिया है. केंद्र के बाद अब जम्मू कश्मीर में भी रेप से संबंधित कानून को और सख्त किया जाएगा और बच्चियों से रेप करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान होगा. राज्य सरकार में मंत्री अब्दुल हक खान ने यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य भी केंद्र सरकार की तर्ज पर इसी तरह का अध्यादेश लेकर आएगा.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे के चलते केंद्र द्वारा जारी किए गए अध्यादेश राज्य में लागू नहीं होते इसलिए वहां की सरकार को अपने स्तर पर ऐसा कानून बनाना पड़ेगा. मंत्री हक खान ने कहा कि ऐसे किसी मामले की जांच 2 महीने के भीतर पूरी की जाएगी और 6 महीने में ट्रायल पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ है कि हम जम्मू कश्मीर के क्रिमिनल लॉ में अध्यादेश के जरिए संशोधन करने जा रहे हैं. इसमें 13 से 60 साल की महिला से रेप के मामले में 20 साल की सजा या उम्रकैद का प्रावधान भी शामिल है. 13 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप में फांसी की सजा का प्रावधान होगा.

कठुआ गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए देशभर में प्रदर्शन हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रेप की इन घटनाओं पर गुस्सा जताया था और पीड़ितों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया था.

जम्मू कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बलात्कार की दो घटनाओं के बाद फैले जनाक्रोश को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) एक्ट में संशोधन किए हैं. नए कानूनी प्रावधानों के तहत अब 12 साल से कम उम्र के बच्चों का रेप करने वालों को मौत की सजा हो सकती है.

कानून के प्रावधानों को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के 24 घंटे के भीतर राष्ट्रपति ने भी अपनी सहमति दे दी. इस तरह से अब यह कानून देशभर में लागू हो गया है.