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खुलासाः हनीप्रीत से पांच दिन से संपर्क में थे हरियाणा के टॉप पुलिस अफसर, पर नहीं किया अरेस्ट

चंडीगढ़। हनीप्रीत आखिरकार 38 दिन बाद पुलिस की गिरफ्त में आ गई, लेकिन सूत्रों का दावा है कि हनीप्रीत पिछले 5 दिनों से हरियाणा पुलिस के संपर्क में थी. अब सवाल उठता है कि जानकारी होने के बावजूद भी पुलिस ने हनीप्रीत इंसा को गिरफ्तार क्यूं नहीं किया.

फरारी काटने के बाद हनीप्रीत अब सलाखों के पीछे है. बीते दिन, आजतक को दिए गए इंटरव्यू में हनीप्रीत ने अपनी सफाई पेश की थी. इसी के कुछ समय बाद पुलिस ने उसे पंजाब के जीरकपुर से गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन इस मामले में सूत्र कुछ और ही कह रहे हैं. सूत्रों की माने तो हनीप्रीत पिछले 5 दिनों से हरियाणा पुलिस के संपर्क में थी. जिसके बाद भी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया.

सूत्रों ने यह भी बताया कि हनीप्रीत के सरेंडर को लेकर उसके वकील ने पुलिस को पहले ही सूचना दी थी. हनीप्रीत पहले ही मीडिया के सामने आकर सहानुभूति कार्ड खेलने का प्लान बना चुकी थी. यहां तक कि पंजाब पुलिस को भी हनीप्रीत की जानकारी थी, लेकिन पंजाब में उसके खिलाफ कोई केस दर्ज न होने की वजह से उसे गिरफ्तार नहीं किया गया.

सूत्रों के मुताबिक, हनीप्रीत चंडीगढ़ से 25 किमी. दूर पटियाला के बानुर इलाके के एक रिसोर्ट में भी रही थी. सब कुछ प्लान के अनुसार किया जा रहा था. डेरे की तरफ से ही हनीप्रीत को मीडिया से बात करने की सलाह दी गई थी. हनीप्रीत तो 26 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर पुलिस के सामने सरेंडर करने वाली थी. लेकिन बाद में उसने प्लान बदल लिया था.

अब सवाल उठता है कि अगर हरियाणा पुलिस को हनीप्रीत के बारे में जानकारी थी तो क्यूं उसे गिरफ्तार नहीं किया गया. आखिर क्यूं हनीप्रीत को 38 दिन तक एक पहेली बनाकर रखा गया. क्या अब खट्टर सरकार उन पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी, जो इस दौरान अपनी ड्यूटी निभाने में असफल रहे. या फिर यह सब राम रहीम के करीबी नेताओं के कहने पर किया गया.

हैरान करने वाली बात तो यह है कि डेरे में नंबर 2 की हैसियत रखने वाली हनीप्रीत की गिरफ्तारी के समय कोई समर्थक सामने नहीं आया. जबकि राम रहीम के समय पर कई राज्यों में हिंसा फैला दी गई थी. हालांकि, बीते दिन मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील मोमिन मलिक ने थाने जाकर हनीप्रीत से मिलने की कोशिश की.

मोमिन मलिक ने कहा हनीप्रीत देश की बेटी है और इस वजह से वह उसका केस लड़ना चाहते हैं. हालांकि, हरियाणा पुलिस ने उन्हें निराश करते हुए खाली हाथ वापस लौटा दिया.