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करप्शन के आरोपों के बाद लालू के घर आरजेडी विधायकों की पहली बड़ी बैठक

पटना। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा बुलाई गई पार्टी विधायकों की बैठक पटना में उनके आवास पर शुरू हो गई है। लालू और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई कार्रवाई के बाद यह पार्टी की पहली बैठक है। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि बैठक में क्या तय किया जाएगा। माना जा रहा है कि अभी तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू की नजर भी इस बैठक पर है।

बैठक में शामिल होने पहुंचे पार्टी विधायकों ने साफ कहा कि डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता। कुछ विधायकों ने तो यह भी कहा कि इस बैठक का मकसद प्रदेश के राजनीतिक हालात पर चर्चा करना नहीं, बल्कि 27 अग्स्त को होने वाली विपक्ष की संयुक्त रैली की तैयारियों पर बात करना है। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि लालू यादव जो भी फैसला लेंगे, सभी विधायक उनका साथ देंगे। तेजस्वी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी आरजेडी के कोटे से उपमुख्यमंत्री बने हैं, जिसके 80 विधायक हैं। जहां तक भ्रष्टाचार के आरोप का सवाल है, तो केंद्र में भी मंत्रियों पर ऐसे आरोप हैं।’ एक अन्य विधायक ललित यादव ने दावा किया कि गठबंधन पर कोई संकट नहीं है। उन्होंने कहा कि गठबंधन चलता रहेगा और तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि आरोप अभी साबित नहीं हुआ है।

इसके पहले रविवार को भी आरजेडी की ओर से कहा गया था कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा ने कहा, ‘पहले पीएम मोदी उमा भारती को मंत्रिमंडल से हटाएं जिनके खिलाफ बाबरी विध्वंस मामले में चार्जशीट दायर हो चुकी है। तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता। बीजेपी को पहले उमा भारती और आडवाणी पर ऐक्शन लेना चाहिए।’ रविवार को लालू यादव ने ट्वीट कर के कहा था कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह मोदी-शाह की तानाशाही के खिलाफ बोलते हैं और देश और संविधान को बचाने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।

गौरतलब है कि साल 2006 में रेलवे के होटल के लिए टेंडर देने के एक मामले में सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए 5 जुलाई को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके बाद से ही बीजेपी तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रही है। हालांकि सीएम नीतीश और उनकी पार्टी जेडीयू की ओर से अभी तक इस मसले पर कुछ नहीं कहा गया है। नीतीश की यही चुप्पी आरजेडी को खल रही है। माना जा रहा है कि आरजेडी की बैठक में जो भी फैसला होगा, नीतीश उसे देखते हुए ही आगे की रणनीति तय करेंगे।