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उत्तर प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 27 फरवरी को भाजपा और सपा के बीच कड़ा मुकाबला

उत्तर प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही 27 फरवरी यानी मंगलवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा, जिसमें 10 सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 8 और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने 3 उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि देश में आम चुनाव से ठीक पहले हो रहे राज्यसभा चुनाव के नतीजों का राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश पर प्रभाव पड़ेगा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के पास क्रमशः 7 और 3 सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने के लिए विधानसभा सदस्यों का पर्याप्त संख्या बल है, लेकिन भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा है, जिससे एक सीट पर कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। स्थानीय उद्योगपति और पूर्व सपा नेता सेठ 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे। सेठ ने गत दिनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया था।

मंगलवार को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे भी कर दिए जायेंगे घोषित
राज्यसभा की 10 सीट के लिए मंगलवार को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जायेंगे। कुल 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा और सपा क्रमशः 252 विधायकों और 108 विधायकों के साथ दो सबसे बड़े दल हैं। सपा की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के पास 2 सीट हैं। भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को 13, निषाद पार्टी को 6, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को 9, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को 6, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को 2 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक सीट मिली है। फिलहाल विधानसभा में 4 सीट खाली हैं। भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए 7 अन्य उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री आर पी एन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत (बिंद), पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन हैं। सपा ने अभिनेत्री-सांसद जया बच्चन, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व राज्य के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है।

निर्वाचित होने के लिए एक उम्मीदवार को लगभग 37 प्रथम वरीयता मतों की होगी आवश्यकता

एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए एक उम्मीदवार को लगभग 37 प्रथम वरीयता मतों की आवश्यकता होगी। राज्यसभा चुनाव के बारे में विस्तार से बताते हुए निर्वाचन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने कहा कि एक उम्मीदवार को जीत दर्ज करने के लिए 36.37 प्रथम वरीयता वोट की आवश्यकता होगी। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश विधानसभा में 399 विधायक हैं।” यह पूछे जाने पर कि क्या जेल में बंद तीन विधायक भी राज्यसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे, दुबे ने कहा कि यह अदालत और संबंधित राजनीतिक दल द्वारा तय किया जाएगा। सपा विधायक इरफान सोलंकी एवं रमाकांत यादव और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी जेल में हैं। दुबे ने कहा कि विधायक गेट सात से प्रवेश करेंगे, कमरा 80 से मतपत्र लेंगे और वोट डालने के लिए तिलक हॉल जाएंगे। उन्होंने कहा कि मतदान मंगलवार सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। मतगणना शाम 5 बजे से शुरू होगी और नतीजे मंगलवार रात को ही घोषित होने की संभावना है।

भाजपा के सभी उम्मीदवार राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करेंगे: मौर्य
राज्यसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन पर भरोसा जताते हुए मौर्य ने कहा कि भाजपा के सभी उम्मीदवार राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करेंगे।” विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि सभी सपा विधायक राज्यसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या सपा उम्मीदवारों के लिए अंतत: एक वोट की कमी पड़ सकती है, पांडेय ने कहा कि हमारे वोट कम कैसे रहेंगे? हमारे लोगों ने सुभासपा और रालोद से (2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव) लड़ा था और मूल रूप से वे सपा से हैं। पांडेय ने विश्वास जताया कि सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) और रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के विधायक सपा उम्मीदवारों को वोट देंगे। दोनों दल भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गए हैं।