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नेता मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं: जयराम रमेश

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महाराष्ट्र में चुनावी जनसभा से पहले मंगलवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि मराठवाड़ा क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री के पास क्या दृष्टिकोण है? प्रधानमंत्री मोदी आज महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, प्रधानमंत्री ने मराठवाड़ा के किसानों की पीड़ा को क्यों नजरअंदाज किया? मराठवाड़ा में पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री के पास क्या योजना है? केवल गुजरात के सफेद प्याज़ से ही निर्यात प्रतिबंध क्यों हटाया गया है? उन्होंने कहा, वर्ष 2023 की पहली छमाही में, महाराष्ट्र में सबसे अधिक मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों ने आत्महत्या की है। मराठवाड़ा में कम से कम 685 किसानों ने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली है। राज्य के कृषि मंत्री के गृह ज़िले बीड में सबसे ज़्यादा 186 मौतें हुईं हैं।

 

रमेश का कहना है कि पिछले चार महीनों से सूखे की स्थिति का सामना कर रहे मराठवाड़ा क्षेत्र को अब बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गंभीर नुक़सान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने न तो इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है और न ही किसी तरह की राहत की घोषणा की है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया, मराठवाड़ा के किसानों को सूखे और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी क्या कर रहे हैं? किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए उनके पास क्या दृष्टिकोण है?

उन्होंने कहा, मराठवाड़ा में 600 से अधिक गांव और 178 बस्तियां पीने के पानी की भारी कमी के बीच पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं। इस साल महाराष्ट्र का अधिकांश हिस्सा पानी की कमी से जूझ रहा है। रमेश ने दावा किया कि इस आपदा से राहत देने की कोशिश करने के बजाय भाजपा के नेता ज़िम्मेदारी से भाग रहे हैं, आरोप – प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं और राहत एवं सहायता योजनाओं के कार्यान्वयन में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों को दूर करने में विफल रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि मराठवाड़ा में पानी की कमी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के पास क्या योजना है?

 

रमेश ने कहा, दिसंबर 2023 से, महाराष्ट्र में प्याज़ के किसान मोदी सरकार के प्याज निर्यात पर प्रतिबंध से बेहाल हैं। मनमाने निर्यात प्रतिबंध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण बिक्री की कीमतें बेहद कम हो गईं। कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, क्या प्रधानमंत्री मोदी बता सकते हैं कि उनकी सरकार ऐसा क्यों कर रही है? उन्होंने महाराष्ट्र के प्याज़ किसानों की उपेक्षा क्यों की है? कांग्रेस का न्याय पत्र किसानों पर अंतिम समय में थोपी जाने वाली ऐसी विनाशकारी नीतियों को रोकने के लिए एक स्थिर, पूर्वानुमानित आयात-निर्यात नीति का वादा करता है।