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आज के भारत ने छोटे- छोटे सपने देखना छोड़ दिया है , हम बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और 1500 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज की आधारशिला रखी। पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में गोमती नगर स्टेशन का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने इसे ‘न्यू इंडिया’ की कार्य संस्कृति का प्रतीक बताया। मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतीक है। आज भारत जो करता है… अभूतपूर्व स्पीड से करता है, आज भारत जो करता है… अभूतपूर्व स्केल से करता है।

मोदी ने हुंकार भरते हुए कहा कि आज के भारत ने छोटे-छोटे सपने देखना छोड़ दिया है। हम बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं। यही संकल्प इस विकसित भारत, विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है। उन्होंने कहा कि आज रेलवे से जुड़ी दो हजार से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। अभी तो इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून महीने से होने वाली है। लेकिन अभी से जिस स्केल और स्पीड से काम होना शुरू हो गया है, वो सबको हैरत में डालने वाला है।

उन्होंने कहा कि आज 27 राज्यों के करीब 300 से अधिक जिलों में 550 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प का शिलान्यास हुआ है। आज यूपी के गोमती नगर के जिस रेलवे स्टेशन का लोकार्पण हुआ है, वो वाकई कमाल का दिखता है। इसके अलावा आज 1,500 से ज्यादा रोड, ओवरब्रिज, अंडरपास जैसी परियोजनाएं भी इसमें शामिल हैं। 40 हजार करोड़ की ये परियोजनाएं एक साथ जमीन पर उतर रही हैं। उन्होंने कहा कि ये दिखाता है कि भारत की प्रगति की रेल किस गति से आगे बढ़ रही है। मैं देश के विभिन्न राज्यों को, वहां के नागरिकों को, भाई-बहनों को और युवा साथियों को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। क्योंकि इसके सबसे ज्यादा लाभार्थी युवा ही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत युवाओं के सपनों का भारत है, इसलिए विकसित भारत कैसा होगा, ये तय करने का सबसे अधिक हक उन्हीं को है। मैं देश के हर नौजवान को बताना चाहता हूं कि आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में हम सभी ने एक नया भारत बनते देखा है और रेलवे में परिवर्तन तो साक्षात हम अपनी आंखों से देख रहे हैं। जो कभी कल्पना में सोचते थे, आज हम अपनी आंखों से देख रहे हैं। एक दशक पहले तक अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना बहुत मुश्किल थी, एक दशक पहले तक नमो भारत जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं था।