मुंबई। लोकल ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पश्चिम रेलवे ने आगामी मॉनसून के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। नालों की सफाई, किनारों की नालियों की सफाई, पंपों को फिट करना और आधारभूत ढांचों का मरम्मत कार्य शुरू है। पश्चिम रेलवे के मुताबिक ये सभी काम 30 मई, 2016 तक प्रथम चरण के तहत पूरे कर लिए जाएंगे।
नहीं जमा होगा पानी!
पश्चिम रेलवे द्वारा इसके उपनगरीय खंड पर जल जमाव वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है। विश्लेषण के आधार पर अधिक जल जमाव वाले क्षेत्रों जैसे मरीन लाइन्स, चर्नी रोड-ग्रांट रोड, मुंबई सेंट्रल, एलफिंस्टन रोड, दादर, माहिम, बांद्रा-खार, अंधेरी-जोगेश्वरी और नालासोपारा-विरार पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पश्चिम रेलवे द्वारा मानसून 2016 के दौरान 4.5 मीटर से अधिक उच्च ज्वार (हाई टाइड) वाली तिथियों की समय सारणी भी तैयार की गई है, जिससे इन तिथियों में विशेष सतर्कता बरतने में मदद मिल सके।
यहां पर रहेगा खास ध्यान:
1. अपेक्षाकृत निम्नतर क्षेत्रों जैसे चर्चगेट यार्ड, दहिसर-मीरा रोड, भायंदर यार्ड और नालासोपारा-विरार में ट्रैकों को ऊपर उठाने का कार्य किया जा रहा है।
2. सभी 43 नालों को गहरा करने और सफाई का कार्य किया जा रहा है, जिसके लिए बीएमसी द्वारा फंड उपलब्ध कराया गया है।
3. कुछ बड़ें नालों की सफाई बीएमसी द्वारा की जाएगी, जिनमें मीठी नदी, धारावी नाला, पोईसर नाला इत्यादि शामिल हैं। नालों की सफाई के लिए पश्चिम रेलवे और बीएमसी द्वारा संयुक्त निरीक्षण भी किए जा रहे हैं।
4. पश्चिम रेलवे द्वारा निचले क्षेत्रों जैसे मरीन लाइन्स, मुंबई सेंट्रल, दादर, माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, अंधेरी, बोरीवली, नालासोपारा, विरार इत्यादि में पानी की निकासी हेतु 80 डीजल पंप लगाए जाएंगे।
5. पश्चिम रेलवे द्वारा मॉनसून के दौरान इसके ईएमयू रेकों की मरम्मत के कार्य भी किए जा रहे हैं, जिनमें ईएमयू कोचों तथा इसके इलेक्ट्रिकल उपकरणों में पानी के रिसाव को रोकने हेतु प्रबन्ध किया जा रहा है। साथ ही खिड़की-दरवाजों को भी जांचा जा रहा है। डिब्बों की छतों तथा इन्सुलेटरों की सफाई का कार्य भी हाथ में लिया गया है।
बीएमसी का योगदान:
वहीं रेलवे और बीएमसी के अधिकारियों द्वारा संयुक्त निरीक्षण शुरू किए जा चुके हैं और 1 जून, 2016 तक इसके पहले चरण को पूरा भी कर लिए जाने का दावा किया जा रहा है। साथ ही बीएमसी द्वारा उन स्थानों पर पम्प लगाए जाने का प्रावधान है, जहां नालियों के बाधित होने की संभावना अधिक है।
इस वर्ष बीएमसी रेलवे लाइनों से सटे बाहरी क्षेत्रों के अलावा रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पेड़ों की भी छंटाई के कार्य के लिए राजी हो गई है। इस संबन्ध में बीएमसी को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही इस कार्य को शीघ्र किए जाने का अनुरोध किया गया है।