इस्लामाबाद। जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर और पठानकोट हमले के अन्य संदिग्धों से संयुक्त रूप से पूछताछ करने के भारतीय प्रस्ताव को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है। ‘द नेशन’ ने पाकिस्तानी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत ने पठानकोट आतंकी हमले में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से दोनों देशों के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से पूछताछ की पेशकश की थी।
‘दे नेशन’ के मुताबिक पाकिस्तानी सूत्रों ने उसे बताया है कि भारत इन्वेस्टिगेटर्स की एक टीम मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई से पूछताछ के लिए भेजना चाहता है लेकिन पाकिस्तान ने इसे राजनीतिक स्तर पर खारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वह इस मामले में ईमानदारी और गंभीरता से जांच कर रहा है और उसमें कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
पाकिस्तान सरकार के सूत्र ने ‘द नेशन’ से कहा, ‘दरअसल, इंडिया मौलान मसूद अजहर और जमातुद दावा चीफ हाफिज मोहम्मद सईद का हस्तांतरण चाहता है और हमने इसे कई बार खारिज कर दिया है। वे कम के कम इतना चाहते हैं कि भारतीय इन्वेस्टिगेटर्स को इनसे पूछताछ की अनुमति मिले लेकिन हमने साफ कहा है कि यह संभव नहीं है।’
एक और अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी अथॉरिटीज पठानकोट हमले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी एजेंसियां भारतीय एजेंसियों से इस मामले में संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हम उन्हें लगातार अपडेट दे रहे हैं। उस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में शुरुआती जांच रिपोर्ट भी भारत को सौंप दी गई है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने आतंकियों के जो टेलिफोन नंबर दिए थे उनका पाकिस्तान कुछ भी पता नहीं चल पाया है। उस अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से हुई गतिविधियों में थोड़ी भी सच्चाई पाता है तो ऐक्शन लेगा।
दो जनवरी को पठानकोट में हमले के बाद से पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने मौलाना मसूद अजहर को ‘ऐहतिहातन हिरासत’ में रखा है। इस मामले में जैश के अन्य संदिग्धों को भी अरेस्ट किया गया है। कई शहरों में पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने जैश द्वारा संचालित मदरसों को भी बंद कर दिया है। मौलाना अजहर को 1999 में भारत ने इंडियन एयरलाइंस के प्लेन हाइजैक होने के बाद उसमें सवार 155 यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए जेल से रिहा कर दिया था। पठानकोट हमले को लेकर पाकिस्तानी एजेंसियों ने उससे पूछताछ की है। इस मामले में जैश चीफ के भाई मुफ्ती अब्दुल रहमान राउफ को भी हिरासत में लिया गया है।
पाकिस्तान पठानकोट जांच के सिलसिले में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम भेजने जा रही है। इस मामले में अगली प्रगति के लिए पाकिस्तान सरकार भारत सरकार से बातचीत कर रही है। दो जनवरी को भारी हथियारों से लैस एक ग्रुप ने पश्चिम एयर कमांड के पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन पर हमला कर दिया था। इस हमले में पांच आतंकवादियों और सात भारतीय सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। भारत का कहना है कि आंतकी इंडियन आर्मी के यूनिफॉर्म में थे और ये जैश-ए-मोहम्मद से थे। इस हमले के बाद दोनों देशों ने शांति वार्ता के सिलसिले में प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर की बातचीत को टाल दिया था।
इस हमले के दौरान ऑपरेशन में समन्वय और कमांड स्ट्रक्चर को लेकर भारत में कई तरह के सावल उठे थे। यह ऑपरेशन बहुत लंबा चला था। बताया गया कि ऑपरेशन के दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय का भारी अभाव था। कहा जा रहा था कि ठोस खुफिया सूचना होने के बावजूद एजेंसियों के बयान एक जैसे नहीं थे। शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि भारत का पाकिस्तान से पठानकोट मामले में सवाल पूछना पूरी तरह से जायज है। ओलांद ने कहा कि भारत और फ्रांस आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे। फ्रांसीसी राष्ट्रपति तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं। वह गणतंत्र दिवस में चीफ गेस्ट के तौर पर भारत आए हैं।