मुंबई। मुंबई के स्लम इलाके मालवणी में कुछ लोगों का एक दल गली-गली घूम रहा है। पहली नजर में आपको इसमें कुछ खास नहीं लगेगा और ये बाकी लोगों की तरह मालूम पड़ेंगे। लेकिन यह दल एक खास मकसद से गलियों को छान रहा है। इनका मकसद है युवाओं को इस्लामिक स्टेट जैसे किसी आतंकवादी संगठन में शामिल होने से रोकने की कोशिश करना। दाढ़ी और बिना दाढ़ी वाले लोगों का यह समूह युवाओं की रैडिकल विचारधारा को शांत करने का काम करता है।
यह समूह मुस्लिम पैरंट्स को बताता है कि वे 15 से 30 साल के अपने बच्चों का खास ख्याल रखें ताकि वॉट्सऐप, फेसबुक या किसी अन्य जिहादी वेबसाइट्स के जरिए उनका ब्रेनवॉश नहीं किया जा सके।
बता दें कि पिछले साल मालवणी से चार युवाओं-वाजिद शेख, नूर मोहम्मद, मोहसिन सैयद और अयाज सुल्तान के गायब होने के बाद से ही इस इलाके की प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है। शेख और मोहम्मद जहां वापस घर लौट आए वहीं सैयद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की हिरासत में है और सुल्तान फिलहाल फरार है। ऐसी आशंका है कि वह इराक पहुंच गया है। पुलिस का दावा है कि इन चारों का ब्रेनवॉश किया गया था।
मामला सामने आने के बाद से ही इलाके में प्राय: पुलिस का आना-जाना लगा रहता है। कई बार वे दूसरे लोगों को पूछताछ के लिए ले जाते हैं। इन वाकयों से जहां पैरंट्स परेशान है वहीं मुस्लिम समुदाय के लीडर, मौलवी और कार्यकर्ता भी चिंतित हैं। इसी के बाद उन्होंने एक साथ आकर युवाओं को रैडिकल होने से बचाने के लिए मुहिम की शुरुआत की।
एक स्थानीय विधायक असलम शेख ने कहा, ‘मीडिया के एक धड़े ने मालवणी को गलत तरीके से दिखाया। पुलिस ने कई युवाओं को घंटों तक हिरासत में रखा। अचानक से मालवणी को आतंकी शहर के तौर पर देखा जाने लगा। हमें इस छवि को बदलने के लिए कुछ करना था, इसलिए हमने स्थिति पर काबू पाने के लिए एक समिति का गठन किया।’
युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के लिए दो स्तर पर मुहिम चलाई जा रही है। पहला, मस्जिदों में इमाम से कहा गया है कि वे आईएसआईएस सहित अन्य आतंकी संगठनों के इस्लाम विरोधी चेहरे को बेनकाब करें। दूसरा, एक समूह बनाकर घर-घर जाकर लोगों को तमाम जानकारियां दी जा रही हैं।