नई दिल्ली। स्वतंत्रता सैनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद के पोते और मशहूर शिक्षाविद् फिरोज बख्त अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वे सही रास्ते पर जा रहे हैं। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने अंग्रेजी अखबार मेल टुडे को बताया, ”हो सकता है कि ज्यादातर मुसलमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं करते लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि कई अब उन्हें पसंद करने लगे हैं। वे जो सोचते हैं उस तरीके को कई मुसलमान मानने लगे हैं।”
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, फिरोज बख्त अहमद ने बताया, ”पीएम मोदी ने कहा कि वे हिंदू और मुसलमानों को अपने दो बच्चों की तरह मानते हैं। दोनों के साथ वे समानता के साथ व्यवहार करेंगे। उन्होंने कहाकि वे चाहते हैं कि मुस्लिमों के एक हाथ में कंप्यूटर और दूसरे में कुरान हो। लेकिन उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए वे तुष्टीकरण नहीं अपनाएंगे। वे सबका साथ सबका विकास के नारे के जरिए यह काम करेंगे।”
अहमद मुस्लिम उलेमाओं और बुद्धिजीवियों के साथ पीएम मोदी से मिलने गए थे। इस प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय मस्जिद इमाम के अध्यक्ष इमाम उमर अहमद इलियासी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जमीरुद्दीन शाह और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वीसी तलत अहमद शामिल थे। इस मुलाकात के बारे में उन्होंने बताया कि यह काफी दोस्ताना थी। अहमद ने प्रधानमंत्री के हज कोटा बढ़ाने और गुजरात में पंतग बनाने वालों को दी जाने वाली आर्थिक मदद के कदम की तारीफ की।
इस बारे में उन्होंने कहा कि पतंग बनाने वालों को दी जाने वाली मदद का फायदा मुसलमानों को होगा। क्योंकि ज्यादातर पतंग निर्माता मुस्लिम हैं। लेकिन उन्होंने यह मदद मुसलमानों के नाम पर नहीं दी। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की तारीफ में अहमद ने कहा कि पहले यह मंत्रालय ऑक्सीजन पर चल रहा था लेकिन अब पीटी ऊषा की तरह दौड़ रहा है। शब्द नहीं उनका काम बोल रहा है। वहीं, बैठक में कई लोगों की राय अहमद से अलग रही। शामली के रहने वाले मौलाना बिलाल अहमद बिजरोलवी ने कहा कि यह मुलाकात प्रतीकात्मक थी। उनके अनुसार, ”हमारी मांगों पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा। उनके भाषण में हमारी मांगों को लेकर कुछ नहीं था।”