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‘गुजरात को नहीं देंगे महाराष्ट्र के हिस्से का पानी’

Water-crisisमुंबई। पानी बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र और गुजरात सरकार में भारी मतभेद है जिसे हल करने के लिए दोनों के बीच मुंबई में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। नदियों को जोड़ने के लिए बनाई गई विशेष समिति की आठवीं बैठक में महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने साफ किया कि नर-पार-तापी-नर्मदा जलाशय के अतिरिक्त जल को गुजरात भेजे जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
महाजन ने कहा कि नदियों को जोड़ने की परियोजना के सामने आ रही बाधाओं पर चर्चा हुई। उन्होंने साफ किया कि, नर-पार-तापी-नर्मदा जलाशय के जल के बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र का गुजरात सरकार के साथ मतभेद है। हम नहीं चाहते कि हमारे हिस्से का पानी पड़ोसी राज्य को दिया जाए।

दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाजन ने कहा कि महाराष्ट्र पानी के अपने पूरे हिस्से को पाना चाहता है, लेकिन जलाशय से 600 से 800 मीटर की ऊंचाई से पानी को उठाकर किसी अन्य हिस्से में भेजना संभव ही नहीं है। महाजन ने इसे गैर व्यावहारिक करार देते हुए कहा कि इसे लागू करना असंभव है। उन्होंने कहा कि तापी नदी से महाराष्ट्र को जल का समान हिस्सा देने के लिए गुजरात से मांग कर रहे हैं, लेकिन गुजरात विरोध कर रहा है।