Breaking News

कुलभूषण जाधव को उसकी दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने तक फांसी नहीं दी जाएगी: पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाए जाने के कुछ दिनों बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि भारतीय नागरिक को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी, जबतक उसकी सभी दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती.

विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान जारी किया, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह जाधव मामले में 18 जून के आईसीजे के फैसले के बाद भारतीय मीडिया में आए ‘कुछ गलत बयानों,आरोपों’ के जवाब में है.

जकारिया ने कहा कि आईसीजे के स्थगन के बावजूद जाधव तब तक जिंदा रहेगा, जब तक उसके दया के अधिकार के तहत की गई अंतिम याचिका पर फैसला नहीं आ जाता, जिसमें पहले चरण में सेना प्रमुख और बाद में पाकिस्तानी राष्ट्रपति के पास याचिका दायर करने का अधिकार है.

उन्होंने भारतीय सरकार पर आईसीजे में जाधव मामले को ‘जीतने की गलत भ्रांति’ फैलाने के लिए मीडिया के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जाधव मामले में, ‘सरकारी खेमों की मदद के साथ भारतीय मीडिया ने यह प्रचार कर दोनों देशों के लोगों को गुमराह किया कि भारत जाधव मामले में जीत गया है’. जकारिया ने कहा, ‘दोनों देशों में जो चर्चा शुरू हुई है, उसमें पूरी तरह से मामले की समझ का अभाव दिखता है’.

दरअसल, जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ भारत ने आईसीजे का रूख किया था. बीते 18 मई को आईसीजे ने जाधव (46) की सजा के तामील पर रोक लगा दी थी.

उल्‍लेखनीय है कि कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्‍ट्रीय अदालत (आईसीजे) में पैरवी के लिए बुधवार को ही पाकिस्तान ने तदर्थ न्यायाधीश की नियुक्ति का फैसला किया है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के महान्यायवादी (एजीपी) अशरफ आसफ अली संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत में आठ जून को मामले की अगली सुनवाई के दौरान वकीलों के दल का नेतृत्व करेंगे.

सूत्रों ने समाचार पत्र से कहा कि एजीपी ने कमेटी को सूचित किया है कि पाकिस्तानी आगामी सुनवाई के लिए अपने तदर्थ न्यायाधीश की नियुक्ति करेगा और आईसीजे में वकीलों का नेतृत्व वह खुद करेंगे. समाचार पत्र ने कहा कि नेशनल असेंबली के अध्यक्ष अयाज सादिक के नेतृत्व में मंगलवार को बंद कमरे में राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया.

एजीपी ने आईसीजे में कुलभूषण जाधव मामले में प्रभावी ढंग से अपना पक्ष रखने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे कदमों से बैठक को संक्षिप्त रूप से अवगत कराया.