दिवाली से पहले राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से काफी राहत मिली है। शनिवार 11 नवंबर की सुबह हल्की धूप खिली और आसमान भी साफ दिखा। बारिश होने के कारण आम जनता को बीते दो सप्ताह से जारी दमघोंटू धुंध से बड़ी राहत मिली है। शनिवार की सुबह राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई का स्तर 219 पर रहा। इससे पहले बृहस्पतिवार को ये स्तर 437 पर पहुंचा हुआ था। ऐसे में दिल्ली में जनता को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है।
एक्यूआई शून्य से 50 के बीच अच्छा , 51 से 100 के बीच संतोषजनक , 101 से 200 के बीच मध्यम , 201 से 300 के बीच खराब , 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 450 के बीच गंभीर माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे अति गंभीर श्रेणी में माना जाता है। आईएमडी ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया था। अधिकारियों ने कहा था कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से, भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन के प्रधान वैज्ञानिक विनय कुमार सहगल ने अनुमान जताया है कि बारिश के कारण अगले दो-तीन दिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम होंगी। दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए 20 या 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है। सरकार ने सभी विद्यालयों में दिसंबर में होने वाली छुट्टियों का समय बुधवार को बदल दिया और अब शीतकालीन अवकाश नौ नवंबर से 18 नवंबर तक रहेगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने सम-विषम योजना फिलहाल स्थगित कर दी है, क्योंकि वर्षा के कारण शहर की वायु गुणवत्ता बहुत सुधर गई है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता की समीक्षा करेगी और फिर यदि प्रदूषण स्तर बहुत बढ़ जाता है, तो सम-विषम योजना पर निर्णय लिया जा सकता है। राय ने पहले कहा था कि शीर्ष अदालत द्वारा सम-विषम कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और आदेश जारी करने के बाद शहर में यह योजना लागू की जाएगी। मंगलवार को शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया था और इसे ‘दिखावा’ बताया था। डॉक्टरों ने कहा है कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना प्रतिदिन 10 सिगरेट पीने के हानिकारक दुष्प्राव के बराबर है।